नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली जिस राम मंदिर में गए, उसे तत्कालीन बीजेपी नेता ज्ञानदेव आहूजा द्वारा गंगाजल से धोने के मामले को कांग्रेस ने राष्ट्रीय मुद्दा बना लिया है। राहुल गांधी जूली के समर्थन में उतर आए हैं। राहुल गांधी और कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल्स् पर इस मामले से जुड़े वीडियो डालते हुए बीजेपी पर पलटवार किया है।
राहुल गांधी ने मंदिर को गंगाजल से धोने के वीडियो को शेयर करते हुए बीजेपी पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने लिखा- ये बीजेपी की दलित विरोधी और मनुवादी सोच का एक और उदाहरण है। बीजेपी लगातार दलितों को अपमानित और संविधान पर आक्रमण करती आ रही है।
कांग्रेस ने आहूजा को मोदी का चहेता नेता कहा
कांग्रेस ने लिखा- आहूजा का कहना है कि दलित अपवित्र होते हैं। अपवित्र लोग मंदिर में आ गए थे, इसलिए हमने राम मंदिर को गंगाजल से धो दिया। ये पहला मामला नहीं है, BJP और RSS के लोग लगातार दलितों का अपमान करते रहे हैं। मोदी के करीबी ज्ञानदेव आहूजा ने जो किया है, वह BJP की दलित विरोधी मानसिकता का जीता-जागता सबूत है। साफ है कि BJP दलित विरोधी है और यही इनका असली चाल, चरित्र और चेहरा है। वो तो संविधान की वजह से BJP के लोग दलितों को बर्दाश्त कर रहे हैं और इसी कारण ये बार-बार संविधान बदलने की बात भी करते हैं।
कांग्रेस ने इसे राष्ट्रीय मुद्दा बनाया बीजेपी ने ज्ञानदेव अहूजा को भले ही पार्टी से निकाल दिया हो, लेकिन कांग्रेस ने अपने दलित वर्ग से आने वाले नेता टीकाराम जूली के अपमान से जोड़कर इसे राष्ट्रीय स्तर पर उठाया है। कांग्रेस अब बीजेपी को दलित विरोधी बताते हुए पलटवार कर रही है। राजस्थान में इस मुद्दे पर प्रदर्शन हो चुके हैं।
3 पॉइंट में समझिए पूरा विवाद…
1. रामनवमी पर टीकाराम जूली ने राम मंदिर में दर्शन किए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने 6 अप्रैल को रामनवमी के दिन अलवर में बने रामलला मंदिर में दर्शन किए थे। इस पर टिप्पणी करते हुए ज्ञानदेव आहूजा ने कहा था- टीकाराम जूली हिंदू विरोधी हैं। वो करणी माता मंदिर गए और श्रीराम मंदिर भी गए। अब उनके जाने के बाद मैं जाऊंगा और इनके जो अपवित्र पैर पड़े, मूर्तियों को हाथ लगे, वहां गंगाजल छिड़ककर कर भगवान श्री राम का पूजन करूंगा।

2. अगले दिन आहूजा ने मंदिर में गंगाजल छिड़का अगले दिन 7 अप्रैल को रामगढ़ (अलवर) के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा रामलला मंदिर पहुंचे और गंगाजल का छिड़काव किया था। जहां ज्ञानदेव आहूजा ने कहा था- रामनवमी के दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान कांग्रेसियों को भी बुलाया गया, जिससे मंदिर अपवित्र हो गया। मैंने गंगाजल छिड़ककर पवित्र किया है।

3. आहूजा के बयान के बाद मचा सियासी बवाल, पार्टी ने सस्पेंड किया अहूजा के इस बयान और मंदिर में गंगाजल छिड़कने के बाद 8 अप्रैल को सियासी विवाद बढ़ गया। प्रदेशभर में कांग्रेस पदाधिकारियों की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया। वहीं एक संगठन के कार्यकर्ताओं ने जयपुर में मानसरोवर स्थित आहूजा के आवास के बाहर लगे नेम प्लेट पर कालिख पोत दी थी।
इधर, इस विवाद को बढ़ता देख पार्टी भी एक्शन में आई और ज्ञानदेव आहूजा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया। साथ ही भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं सांसद दामोदर अग्रवाल ने मंगलवार को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन में BJP ने आहूजा से जवाब भी मांगा था।
