जयपुर पुलिस ने किराए पर गाड़ियां लेकर नशा तस्करों के बेचने वाली गैंग का गुरुवार को खुलासा किया है। करधनी पुलिस टीम ने गैंग के पांच बदमाशों को दबिश देकर पकड़ा है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से किराए पर ली गई स्कॉर्पियो व थार जीप बरामद की है। पूछताछ में अजमेर जेल से प्लानिंग कर गाड़ियों की खरीद-फरोख्त करना सामने आया है। पुलिस पूछताछ कर गैंग के फरार साथियों की जानकारी जुटा रही है।
डीसीपी (वेस्ट) अमित कुमार ने बताया- मनीष यादव (24) पुत्र राजेश यादव निवासी बहरोड कोटपूतली, रामलाल (60) पुत्र मग्गाराम निवासी सरदार शहर चुरू, अंशु सिंह (26) पुत्र राजेन्द्र सिंह निवासी मांण्डल कोटपूतली, कर्मवीर सिंह उर्फ मोनू बन्ना (33) पुत्र महिपाल सिंह निवासी मांण्डल कोटपूतली और विजय कुमार उर्फ बिज्जु साहवा (44) पुत्र सुजाराम निवासी सावा चूरू को अरेस्ट किया गया है। आरोपी विजय कुमार उर्फ बिज्जु साहवा के खिलाफ 11 और अंशु सिंह के खिलाफ 6 आपराधिक मामले दर्ज है। गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से रेंट पर लेकर बेची गई स्कॉर्पियो व थार जीप बरामद की गई है।
रेंट पर ली थी स्कॉर्पियो-थार
करधनी थाने में 9 मार्च को राजेन्द्र सिंह ने रिपोर्ट दर्ज करवाई। उसका जानकार रवि गुर्जर किसी काम के लिए मेरे से स्कॉर्पियो लेकर गया था। रवि गुर्जर से उसका जानकारी मोहित सोनी व संदीप यादव शादी में जाने की बोलकर स्कॉर्पियो सीकर लेकर गए थे। जिन्होंने स्कॉर्पियो नहीं लौटाई और जीपीएस चेक करने पर बंद आ रहा है।
पुलिस जांच में सामने आया कि मोहित सोनी ने स्कॉर्पियो व थार रेंट पर मनीष यादव को दी है। उसकी आईडी फेक होने के साथ ही मोबाइल बंद आ रहा है। पुलिस ने रेंट पर कार लेने वाले मनीष यादव की तलाश शुरू की। सीसीटीवी फुटेज व मुखबिर की सूचना पर दबिश देकर आरोपी मनीष यादव को धर-दबोचा।
जेल में बंद दोस्त ने कहा था
पूछताछ में आरोपी ने बताया- मर्डर केस में अलवर जेल में बंद जयंत यादव उसका जानकार है। कुछ दिन पहले जेल में मुलाकात पर जाने पर जयंत यादव ने कहा था कि मेरा कोई दोस्त आएगा। इसके साथ तुझे जयपुर से रेंट की कार लेनी है। फेक आईडी की व्यवस्था में कर दूंगा, तू उसके साथ जाकर दो गाड़ी लेने की व्यवस्था करना। जयपुर आकर मोहित से मिलकर थार और स्कॉर्पियो किराए पर लेने की बात की। अजमेर जेल में बंद जयंत की ओर से भिजवाई आईडी देकर थार और स्कॉर्पियो रेंट पर ली। जयंत के भेजे लड़के ने वॉट्सऐप कॉल पर बात की, उसके बाद वह दोनों गाड़ियां लेकर चला गया।

जेल में बनाया था प्लान जयंत के कहने पर सीकर के पास दोनों गाड़ियां उसके साथी अंशु सिंह व कर्मवीर सिंह को देकर आ गया। पुलिस टीम ने तुरंत कार्रवाई कर अंशु सिंह व कर्मवीर सिंह की जानकारी जुटाई। पुलिस टीम ने दबिश देकर दोनों आरोपी अंशु सिंह व कर्मवीर सिंह को धर-दबोचा। पूछताछ में आरोपी अंशु सिंह ने बताया- एनडीपीएस के केस में अलवर जेल में बंद होने के दौरान उसकी मुलाकात जयंत से हुई थी। जमानत व अन्य खर्चों के लिए रुपयों की व्यवस्था के लिए फेक आईडी से गाड़ी लेकर बेचने का प्लान बनाया था।
नशा तस्करों को देते थे डिलीवरी
कुछ दिन बाद उसकी जमानत हो गई। प्लान के अनुसार साथी कर्मवीर सिंह, भैरव बन्ना उर्फ भुरू बन्ना व उसके दो दोस्त मिले। जयंत की ओर से भेजे लड़कों से स्कॉर्पियो और थार जीप ली। विजय साहवा को थार जीप 1.90 लाख और स्कॉर्पियो 2.90 लाख रुपए में दे दी। दोनों गाड़ियों को बेचने पर आए कुल 4.80 लाख रुपए में से 3.90 लाख रुपए जयंत के कहे अनुसार उसके भेजे लड़कों को दे दिए। पुलिस टीम ने विजय साहवा का नाम सामने आने पर दबिश देकर उसे पकड़ लिया। आरोपी विजय साहवा के कब्जे से स्कॉर्पियो बरामद की गई, उसके ओर से रामलाल को बेची गई थार को भी बरामद कर लिया गया। आरोपी विजय साहवा रेंट पर आई गाड़ियों को खरीदकर मोटे दाम में नशा तस्करों को डिलीवरी देता था। गाड़ियों को बेचने से आए पैसों को आपस में बाटा जाता।
