आरजीएचएस में गड़बड़ी कर 34 लाख 14 हजार रुपए का गबन करने के आरोपी पूर्व पीएमओ डॉ. केएस कामरा को निलंबित कर दिया है। हालांकि राज्य सरकार ने इसके आदेश 8 अप्रैल को ही जारी कर दिए थे, लेकिन इनको सार्वजनिक 16 अप्रैल को किया गया है। डॉ. कामरा को निलंबन काल के दौरान स्वास्थ्य विभाग के मुख्य शासन सचिव कार्यालय जयपुर में उपस्थिति देने के आदेश दिए गए हैं।
डॉ. कामरा ने श्रीगंगानगर में पीएमओ रहते कोरोना काल में आरजीएचएस के तहत अपने ही परिवार में पत्नी, मां और दो बेटों के लिए स्वयं ही 38 लाख 23 हजार रुपए की दवाएं लिखकर बिल उठा लिए थे। यह कारनामा डॉ. कामरा ने 416 बार पर्चियां लिखकर किया था। यह मामला आरजीएचएस के पोर्टल पर बिल उठाने के दौरान अपलोड की गई पर्चियों की एआई से जांच किए जाने पर पकड़ में आया था। डॉ. कामरा के निलंबन आदेश शासन उप सचिव चिकित्सा सैयद शीराज अली जैदी ने जारी किए हैं।
डॉ. कामरा का श्रीगंगानगर अस्पताल से अनूपगढ़ हो चुका तबादला
डॉ. केएस कामरा का तबादला श्रीगंगानगर जिला अस्पताल से फरवरी में अनूपगढ़ जिला अस्पताल में हो गया था। लेकिन उन्होंने मार्च अंत तक अपने नवीन पद पर पदभार ग्रहण नहीं किया था। जब राज्य सरकार ने तबादलों के बाद पदभार नहीं संभालने वाले डॉक्टरों की रिपोर्ट मांगी, तब डॉ. कामरा ने अनूपगढ़ में जॉइन कर लिया लेकिन मेडिकल लीव पर चले गए। अभी तक उनके जयपुर सचिवालय में उपस्थिति नहीं दिए जाने की जानकारी सामने आई है।
पत्नी, मां और दो बेटों के लिए स्वयं ही 38 लाख 23 हजार रुपए की दवाएं लिखकर बिल उठा लिए
में उपस्थिति देने के आदेश दिए गए हैं। डॉ. कामरा ने श्रीगंगानगर में पीएमओ रहते कोरोना काल में आरजीएचएस के तहत अपने ही परिवार में पत्नी, मां और दो बेटों के लिए स्वयं ही 38 लाख 23 हजार रुपए की दवाएं लिखकर बिल उठा लिए थे। यह कारनामा डॉ. कामरा ने 416 बार पर्चियां लिखकर किया था। यह मामला आरजीएचएस के पोर्टल पर बिल उठाने के दौरान अपलोड की गई पर्चियों की एआई से जांच किए जाने पर पकड़ में आया था। डॉ. कामरा के निलंबन आदेश शासन उप सचिव चिकित्सा सैयद शीराज अली जैदी ने जारी किए हैं।
