सीकर के प्रसिद्ध जीणमाता शक्तिपीठ के पुजारी पर एक विवाहिता ने यौन शोषण का गंभीर आरोप लगाया है। पुलिस ने महिला की शिकायत पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामला सामने आते ही क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया। पुजारी के खिलाफ दर्ज मुकदमे के विरोध में जीणमाता के ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर निष्पक्ष जांच की मांग की।
पुजारी महेंद्र पाराशर ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि वह एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और यह मुकदमा उनकी सामाजिक और राजनीतिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने की साजिश है। ग्रामीणों ने भी इस मुकदमे को झूठा बताते हुए पुजारी की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करार दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
अब देखिए, मामले से जुड़ी 2 PHOTOS…

थाने के बाहर धरने पर बैठे ग्रामीण।

ग्रामीणों से समझाइश करती पुलिस।
मामले को लेकर 3 बयान सामने आए
- बहू झगड़ालू, आए दिन करती है शिकायतें: विवाहिता की सास ने बताया कि उनकी बहू ने किसी के बहकावे में आकर पुजारी महेंद्र पाराशर पर झूठा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि महेंद्र पाराशर जीणमाता के सम्मानित पुजारी हैं और पुजारी संघ व पाराशर समाज में महत्वपूर्ण पदों पर हैं। उनकी बहू आए दिन झगड़ा करती है और मिलने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराती है।
- सोशल मीडिया पर की बदनाम करने की कोशिश: जीणमाता थाना प्रभारी दलीप सिंह ने बताया कि विवाहिता ने पुजारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई और सोशल मीडिया पर उनकी छवि खराब करने के लिए पोस्ट डाले। ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन के बाद आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
- मेरी प्रतिष्ठा खराब करने की साजिश: पुजारी महेंद्र पाराशर ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि वह एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और यह मुकदमा उनकी सामाजिक-राजनीतिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि विवाहिता ने फेसबुक पर उनकी तस्वीरें और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर बदनाम करने की कोशिश की है। दोनों परिवारों के बीच कोई पैसों का लेन-देन नहीं है।
