रविवार रात को सड़क हादसे में एक कोचिंग के गार्ड की मौत हो गई। परिजनों ने सोमवार को उसका शव लेने से मना कर दिया। आरोप है कि गार्ड कोचिंग में ड्यूटी पर था। इसके बाद कोचिंग वालों ने उसे किसी काम से बाहर भेजा। वह वापस लौट रहा था तो कोचिंग के गेट के सामने कार चालक ने उसे टक्कर मार दी। इससे उसकी मौत हो गई। हादसे के लिए मृतक के परिजनों ने कोचिंग वालों को जिम्मेदार ठहराया और 50 लाख रुपए मुआवजे की मांग को लेकर पहले एसके अस्पताल और इसके बाद कोचिंग के सामने धरने पर बैठ गए। धरना देर रात तक जारी रहा।
तारपुरा निवासी राजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि उसका चचेरा भाई सज्जन सिंह पिपराली रोड स्थित आकाश मेडिकल आईआईटी जेईई फाउंडेशन में दो-तीन साल से गार्ड की नौकरी कर रहा था। रविवार रात को वह ड्यूटी के लिए कोचिंग में आ गया। उसने कोचिंग के रजिस्टर में हाजरी की। आरोप है कि इसके बाद कोचिंग के स्टाफ ने सज्जन सिंह को किसी काम के लिए बाहर भेजा था। सज्जन सिंह जब काम पूरा कर लौट रहा था तो कार चालक ने कोचिंग के गेट के सामने उसे टक्कर मार दी और मौके से फरार हो गया। हादसे में घायल सज्जन सिंह को एसके अस्पताल पहुंचाया गया, जहां मृत घोषित कर दिया। राजेंद्र सिंह का आरोप है कि कोचिंग के काम से बाहर आने पर ये हादसा हुआ। इसके जिम्मेदार कोचिंग वाले हैं।
ऐसे में मृतक के परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा देना चाहिए। इस मांग को लेकर पहले उन्होंने दिनभर एसके अस्पताल में विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन वहां न तो कोचिंग वाले आए और न ही जिला प्रशासन के अधिकारी उनसे वार्ता करने पहुंचे। इसलिए उन्होंने शव नहीं लिया। इसके बाद कोचिंग के बाहर धरने पर बैठ गए। इधर, प्रदर्शन के दौरान उपजिला प्रमुख ताराचंद धायल ने भी हादसे के पीछे कोचिंग वालों को जिम्मेदार ठहराया और मांग पूरी नहीं करने पर कोचिंग बंद करने की चेतावनी दी।
^सज्जन सिंह की एक्सीडेंट में मौत हुई है। परिजनों ने देर रात तक रिपोर्ट नहीं दी है। मामला दर्ज कराने के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई को अंजाम देगी।
मनोज भाटीवाड़, थानाधिकारी, उद्योग नगर थाना। मृतक सज्जन सिंह तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा था। उसके तीन लड़के हैं। बड़ा भाई मोहन सिंह भी सीकर में ही एक कोचिंग में गार्ड है। सज्जन सिंह के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है। उसका शव एसके अस्पताल की मोर्चरी में रखा हुआ है। मृतक के परिजनों ने कार चालक की पहचान नहीं होने पर उद्योग नगर थाना पुलिस के खिलाफ भी नारेबाजी की। मृतक के परिजनों ने बताया कि मंगलवार को कोचिंग के संचालक और जिला प्रशासन से वार्ता होगी। सहमति बनने के बाद ही सज्जन सिंह का शव लिया जाएगा। इधर, कोचिंग वालों की ओर से मामले में कोई बयान नहीं दिया गया। कोचिंग के दिए गए संपर्क नंबरों पर भी किसी ने फोन रिसीव नहीं किया।
