पंचायत और शहरी निकायों के पुनर्गठन को लेकर पक्ष-विपक्ष आमने सामने है। बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुनर्गठन में सरकार पर धांधली का आरोप लगाया था।
इस पर पलटवार करते हुए पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने कहा- गहलोत साहब कान खोलकर सुन लें, बीजेपी कांग्रेस की तरह ओछी हरकतें नहीं करती है। इसके साथ ही दिलावर ने डोटासरा पर 1705 करोड़ का घोटाला करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस ने तो पुनर्गठन के नाम पर हिंदुओं के बड़े और मुसलमानों के छोटे वार्ड बनाए। हम कानून के हिसाब से काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किसी भी मंत्री-विधायक को लूट के लिए खुला नहीं छोड़ा है।
गहलोत के राज में अलीबाबा 40 चोरों की सरकार थी। उन लोगों ने प्रदेश को खूब लूटा। आज वे स्वयं देख रहे हैं कि उनके आरपीएससी सदस्य जेलों हैं, उनके मंत्री जेल में है। वहीं, अब और जेल जाने वाले हैं।
पंचायत पुनर्गठन में वैज्ञानिक और तर्कसंगत मापदंड निर्धारित
मदन दिलावर ने कहा- सरकार ने पंचायतों के गठन में वैज्ञानिक और तर्कसंगत मापदंड निर्धारित किए हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायत की न्यूनतम जनसंख्या तीन हजार निर्धारित की गई है, जिसमें 15 प्रतिशत का लचीलापन रखा गया है।
रेगिस्तानी जिलों में न्यूनतम जनसंख्या दो हजार निर्धारित की गई है। इसमें 20 प्रतिशत का मार्जिन संभव है। विशेष परिस्थिति में कोई गांव मुख्यालय से 6 किलोमीटर से अधिक दूरी पर है।
उन्होंने कहा- मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार पारदर्शिता, जवाबदेही और जनकल्याण के मूल सिद्धांतों पर काम कर रही है।
