हाथ-पैरों में दर्द की शिकायत पर महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां अस्पताल में उसे ड्रिप लगाई गई। इसके बाद महिला की तबीयत ज्यादा खराब होने पर परिजन उसे बांदीकुई अस्पातल लेकर निकले, मगर रास्ते में महिला की मौत हो गई।
मामला दौसा जिले के आभानेरी सरकारी अस्पताल का है। बांदीकुई थाना क्षेत्र के कलाली का बास निवासी विश्राम गुर्जर ने बताया-शनिवार को वह पत्नी पारा देवी (48) के हाथ पैर में दर्द की शिकायत हुई। इस पर वह उसे दोपहर एक बजे आभानेरी के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचा।
जहां डॉक्टर सुशील सैनी ने बिना किसी जांच के आयरन का इंजेक्शन ड्रिप में लगा दिया। ड्रिप लगने के 2 मिनट बाद ही पारादेवी को घबराहट होने लगी। इसके बाद डॉक्टर ने तुंरत ड्रिप हटा दी। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर इलाज करने की बजाय अस्पताल से भाग गया।

हालत बिगड़ने के बाद परिजन उसे बांदीकुई ले जा रहे थे। इस दौरान रास्ते में पारादेवी की मौत हो गई। जब पारा देवी को दोपहर 1:30 बजे बांदीकुई उप जिला अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
परिजनों ने बताया-पारा देवी आंगनवाड़ी में आशा सहयोगिनी के पद पर उनबड़ा गांव में काम करती थी।
अस्पताल के बाहर जमा हुई भीड़ घटना की सूचना के बाद बांदीकुई उप जिला अस्पताल के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई। परिजन अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे।
परिजनों ने कहा कि जब तक डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, वे शव का पोस्टमॉर्टम नहीं कराएंगे। पुलिस मौके पर पहुंचकर परिजनों से बातचीत कर रही है।
वहीं मामले को लेकर आभानेरी अस्पताल के डॉक्टर सुशील सैनी से बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन स्विच ऑफ मिला।

चिकित्सा अधिकारी बोले-खून की कमी होने पर लगाया आयरन का इंजेक्शन ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बनवारी लाल ने बताया-महिला के खून की कमी होने के कारण आयरन का इंजेक्शन ड्रिप में चढ़ाया गया था। जिसके बाद महिला की अचानक तबीयत खराब हो गई और उसकी मौत हो गई। मामले की जांच कर रहे हैं। इसके बाद ही कुछ बताया जा सकेगा।
वार्ता में जुटे अधिकारी मामले की सूचना के बाद एसडीएम रामसिंह राजावत, तहसीलदार राजेश सैनी, थाना प्रभारी जहीर अब्बास उप जिला अस्पताल पहुंचे और परिजनों से वार्ता की।
