पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बीजेपी के गुजरात में हो रहे प्रशिक्षण कैंप पर सवाल उठाने पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पलटवार किया है। सीएम भजनलाल ने गुजरात में कहा- पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि हमारी सरकार तो उस वक्त होटलों में थी और ये लोग गुजरात के केवड़िया जा रहे हैं। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि आप अपनी मानसिकता को ठीक कीजिए। आप अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं।
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने सीएम भजनलाल पर पलटवार करते हुए कहा- मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि मेरा मानसिक संतुलन बिगड़ गया। मेरा कोई मानसिक संतुलन नहीं बिगड़ा है। डेढ़ साल बाद अब प्रशिक्षण लेने जा रहे हो, इसका मतलब डेढ़ साल में आपकी सरकार नाकारा-निकम्मी रही। कोई काम नहीं किया, अब प्रशिक्षण लेंगे, इसलिए मैंने कहा।
सीएम बोले- हम सरदार पटेल के स्मारक पर जा रहे हैं सीएम ने कहा- एक ऐसा व्यक्ति जिसने श्रेष्ठ भारत बनाने में अपना पूरा जीवन लगा दिया। राजस्थान ही नहीं देशभर की रियासतों को एक करके श्रेष्ठ भारत बनाने का काम किया। हम उस सरदार वल्लभ भाई पटेल के स्मारक पर जा रहे हैं। जहां से देश की एकता और अखंडता का संदेश मिलता है। क्या हम उनके विचारों को संकलित नहीं करें, जिनका देश की एकता में बड़ा योगदान रहा है। केवड़िया में सोमवार से बीजेपी विधायकों को सुशासन की ट्रेनिंग दी जा रही है। यह प्रशिक्षण 7 मई तक चलेगा।
राजेंद्र राठौड़ बोले- गहलोत बाड़ाबंदी और प्रशिक्षण में फर्क भूल गए पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी जयपुर में मीडिया से बातचीत में गहलोत पर तंज कसा। राठौड़ ने कहा- तत्कालीन सरकार के समय में बाड़ाबंदी की गई थी। जब उनकी सरकार अल्पमत में आ गई थी, तब उनकी सरकार के उपमुख्यमंत्री उन्हें चेतावनी दे रहे थे।
राठौड़ ने कहा- गहलोत जी, ये प्रशिक्षण है। भारतीय जनता पार्टी एक समय अवधि के बाद में अपने कार्यकर्ताओं चाहे वह विधायक हो, सांसद हो या पार्टी का पदाधिकारी हो। वह उनका प्रशिक्षण समय-समय पर करती रहती है। क्योंकि भाजपा विचारों के आधार पर बनी हुई एकमात्र पार्टी है। इस पार्टी से जुड़े हुए लोग एक मिशन के साथ काम करने वाले हैं।
भाजपा से जुड़े सभी लोग शुचिता की राजनीति करने वाले हैं। जनहित से जुड़े हुए हमारे मिशन में अब तक हम कितने सफल हुए? हमारी विचारधारा के आधार पर हमने कितने निर्णय किए? और कितने पूर्ण करने हैं? इस पर मंथन करना भाजपा की पहली प्राथमिकता रही है। भाजपा में प्रशिक्षण हमारे कार्यकर्ता के लिए अनिवार्य है। इसे होना भी चाहिए। यह उसके जनसेवा के लक्ष्य के विकास में सहायक बनते हैं।
गहलोत के समय में आपाधापी का वातावरण रहता था राजेंद्र राठौड़ ने कहा- गहलोत साहब, शायद भूल गए कि उनके समय में आपाधापी का वातावरण रहता था। जब उन्हें सरकार की आलोचना करने का कोई आधार नहीं मिला तो उन्होंने इस प्रशिक्षण को लेकर अपना अनर्गल बयान दे दिया है।
राठौड़ ने कहा- ये प्रशिक्षण मंत्रियों का नहीं, सरकार चलाने का नहीं बल्कि जनसेवा को करने का प्रशिक्षण है, जो चुने हुए जनप्रतिनिधि का हो रहा है। इस प्रशिक्षण में वो लोग आएंगे, जिनका जनसेवा और विधायक, सांसद के रूप में लंबा अनुभव रहा है।
प्रशिक्षण में विधानसभा में एक विधायक वहां के विधान को बनाने में किस प्रकार से सहायक होता है। इसके लिए उसे चुना गया है। जनप्रतिनिधि किस प्रकार जनता से उनकी समस्याओं के प्रति अपना दृष्टिकोण रखें। किस प्रकार शुचिता के साथ प्रदेश के विकास को आगे बढ़ाएं, इस पर भी प्रकाश डाला जाएगा। भजनलाल की सरकार नीतियों पर चलने वाली सरकार है। वह पहली सरकार है, जिसने नीतियां बना डाली।
गहलोत का पलटवार, बोले- डेढ़ साल में सरकार नाकारा-निकम्मी रही पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने सीएम भजनलाल पर पलटवार किया। गहलोत ने कहा- मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि मेरा मानसिक संतुलन बिगड़ गया। मेरा कोई मानसिक संतुलन नहीं बिगड़ा है। मैं मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री मोदी को विश्वास दिलाता हूं, मेरा मानसिक संतुलन बिल्कुल नहीं बिगड़ा है। गांधीजी ने कहा था कि मैं सेवा के लिए 125 साल जिंदा रहना चाहता हूं। मैं कह रहा हूं मैं 125 साल जिंदा रहना चाहता हूं। प्रदेशवासियों की सेवा के लिए, जिसकी भावना इतनी बड़ी हो कि मुझे 100 साल तक सेवा करनी है, उसका मानसिक संतुलन हमेशा कायम रहेगा।
गहलोत ने कहा- करप्शन की हदें पार हो गई है। 10 करोड़ की अगर रिश्वत दे रहा है तो समझ लीजिए कितना बड़ा अवैध खनन हो रहा है। चारों ओर हालात ऐसे बन गए, जिसमें आज डेढ़ साल बाद अब प्रशिक्षण लेने जा रहे हो।
गहलोत बोले थे- क्या डेढ़ साल में सरकार फेल हो गई, इसलिए प्रशिक्षण दिलवा रहे पूर्व सीएम गहलोत ने बीजेपी के केवड़िया में हो रहे प्रशिक्षण कैंप पर सवाल उठाते हुए तंज कसा था। गहलोत ने X पर लिखा था- ऐसा पहली बार देखा जा रहा है, जब सरकार बने डेढ़ साल हो जाने के बाद प्रशिक्षण दिया जा रहा है। क्या भाजपा हाईकमान को लगता है कि डेढ़ साल में राजस्थान की सरकार विफल हो चुकी है, इसलिए प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है?
