एसडीएम पर पिस्टल तानने के मामले में तीन साल की सजा होने और सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद अब बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की विधायकी खत्म करने की तैयारी की जा रही है। विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी आज- कल में कंवरलाल मीणा की विधायकी खत्म करने पर फैसला कर देंगे। विधानसभा सदस्यता खत्म करने के आदेश जारी हो जाएंगे। आज शाम के बाद कभी भी अधिसूचना जारी होने की संभावना है।
विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कंवरलाल मीणा की विधायकी के बारे में फैसला करने को लेकर राज्य के महाधिवक्ता और सीनियर वकीलों से कानूनी राय ली है। कानूनी राय के बाद अब स्पीकर को फैसला करना है। बताया जाता है कि स्पीकर को एजी और सीनियर वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने पर कंवरलाल मीणा की विधायकी खत्म करने के बारे में ही राय दी है। अब स्पीकर के स्तर पर फैसले का इंतजार है।
विधानसभा सचिवालय ने नोटिस जारी कर 7 मई तक जवाब मांगा था, सजा पर रोक नहीं लगने से अब विधायकी खत्म करने के अलावा रास्ता नहीं
विधानसभा सचिवालय ने कंवरलाल मीणा को नोटिस जारी कर 7 मई तक जवाब मांगा था। इसमें सजा पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत मिली या नहीं, इस पर जवाब देना था। कंवरलाल की सजा सुप्रीम कोर्ट ने भी स्थगित नहीं की, इसलिए अब विधानसभा स्पीकर के पास भी विधायकी खत्म करने पर फैसला करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। विधानसभा के नोटिस और जवाब का समय भी खत्म हो चुका है, अब तक सुप्रीम कोर्ट से मीणा को कोई राहत नहीं मिली है।
विधायकी खत्म हाेने के बाद 6 साल चुनाव नहीं लड़ पाएंगे कंवरलाल
विधायकी खत्म होने के बाद कंवरलाल मीणा 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इस हिसाब से कंवरलाल मीणा अंता से उपचुनाव और 2028 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। जनप्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक 2 साल या इससे ज्यादा की सजा होने पर विधानसभा और संसद की सदस्यता चली जाती है। दोषी सांसद-विधायक 6 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ सकता।
सुप्रीम कोर्ट दो सप्ताह में सरेंडर करने के आदेश दे चुका, सजा स्थगित नहीं हुई
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कंवरलाल मीणा की विशेष अनुमति याचिका (SLP) को खारिज कर दिया था। उन्हें दो सप्ताह में ट्रायल कोर्ट के सामने सरेंडर करने के आदेश दिए हैं। एसडीएम पर पिस्टल तानने और सरकारी संपत्ति को तोड़ने फोड़ने के मामले में कंवरलाल को कोर्ट तीन साल की सजा पहले ही सुना चुका है। सजा पर रोक नहीं लगने से अब विधायकी जाना तय है।

कांग्रेस लगातार उठा रही है विधायकी खत्म नहीं करने पर सवाल, नेता प्रतिपक्ष ने लेटर लिखा कंवरलाल मीणा की विधायकी खम करने को लेकर कांग्रेस लगातार दबाव बना रही है। 1 मई को हाईकोर्ट ने कंवरलाल मीणा के मामले में फैसला सुनाते हुए ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। कांग्रेस नेताओं ने हाल ही विधानसभा सचिव को ज्ञापन देकर 1 मई से कंवरलाल की विधानसभा सदस्ता खत्म करने की मांग उठाते हुए ज्ञापन दिया था। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने एक दिन पहले ही विधानसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखकर कंवरलाल मीणा की विधायकी खत्म नहीं करने पर सवाल उठाए हैं। जूली ने मीणा की विधायकी तत्काल खत्म करने की मांग की है।
आठ साल पहले पिछले बीजेपी राज में बसपा विधायक बीएल कुशवाह की मेंबरशिप खत्म हुई थी
आठ साल पहले बसपा के तत्कालीन विधायक बीएल कुशवाह को हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा होने के बाद विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी। बाद में धौलपुर सीट पर 2017 में हुए उपचुनाव हुए, बीएल कुशवाह की पत्नी शोभारानी कुशवाह उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतीं ।
विधायकी खत्म करने के बाद 6 महीने में अंता सीट पर होंगे उपचुनाव
कंवरलाल मीणा की विधायकी खत्म करने की विधानसभा से अधिसूचना जारी करने की तारीख से सीट खाली मानी जाएगी। विधानसभा सीट खाली होने के 6 महीने के भीतर उपचुनाव करवाने होंगे।
