सवाई माधोपुर में बजरी माफिया ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। मौके पर पहुंचे पुलिस उपाधीक्षक की प्राइवेट बोलेरो में आरोपियों ने आग लगा दी।
चारों ओर से पथराव होने पर पुलिसवालों ने बनास नदी एरिया में छुपकर जान बचाई। घटना गुरुवार रात करीब 12 बजे चौथ का बरवाड़ा में डिडायच रपट के पास की है।
दरअसल, अवैध खनन कर रहे आरोपियों को रोकने के लिए पुलिसकर्मियों ने लाठी भांजी थी। इसके बाद मची अफरा-तफरी में एक ट्रैक्टर चालक की टायर के नीचे आने से मौत हो गई। इसके बाद माफिया ने पुलिस पर हमला कर दिया।

सरकारी गाड़ी थाने में छोड़कर पहुंचे डीएसपी
पुलिस उप-अधीक्षक लाभूराम विश्नोई गुरुवार रात 11:15 बजे अवैध खनन रोकने एक प्राइवेट बोलेरो से गए थे। उन्होंने अपनी सरकारी गाड़ी सूरवाल थाने में ही छोड़ दी थी।
बनास नदी के पास अवैध खनन करने वाले लोगों पर पुलिस ने डंडे बरसाए तो 1 ड्राइवर अफरा-तफरी में टायर के नीचे आ गया। इसके बाद दोनों से पत्थरबाजी शुरू हो गई।
जिस प्राइवेट बोलेरो में डीएसपी और पुलिसवाले पहुंचे थे, उसे आग लगा दी गई। थाना प्रभारी सुमनकुमार ने बताया कि घटना में एक व्यक्ति की मृत्यु भी हुई है।
मृतक की शिनाख्त बूंदी निवासी सुरज्ञान मीना के तौर पर हुई है।

हत्या के आरोप, आंदोलन की चेतावनी
मृतक के भाई रामप्रसाद मीणा ने बताया कि सुरज्ञान मीणा पर डीएसपी ग्रामीण लाभूराम ने लोहे के सरिया से वार किया। जिसके चलते उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
इसके बाद पुलिस ने परिजनों को कोई सूचना नहीं दी और शव को सवाई माधोपुर मॉर्च्युरी में पहुंचा दिया। पुलिस द्वारा मामले को पूरी तरह से दबाने की कोशिश की जा रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि पुलिस उपाधीक्षक ग्रामीण के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। शुक्रवार सुबह से चौथ का बरवाड़ा थाने लोगों की भीड़ जमा है।
पुलिस पर उठे सवालों पर क्या बोलीं SP…
पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता ने इस मामले को लेकर कहा है कि मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं, इस घटना में पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। मौके पर खनिज विभाग की टीम को नहीं बुलाया गया।
