समरावता हिंसा और एसडीएम को थप्पड़ मारने के आरोपी नरेश मीणा ने मंगलवार को न्याय पालिका की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए है। टोंक SC—ST कोर्ट में पेशी के बाद बाहर निकलते समय कहा कि सब जगह भ्रष्ट सिस्टम है, 6 महीने से जेल में हूं। नरेश ने न्याय पालिका की कार्य शैली पर सवाल खड़े करते व्यंग्य कसते हुए कहा कि न्याय पालिका की जो आंखों से जो पट्टी हटाई है, वह इसलिए हटाई है कि जात और धर्म देखकर न्याय कर सके।

13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव मतदान के दिन समरावता में SDM को थप्पड़ मारने के मामले में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा पर लगे आरोपों को लेकर समरावता में आगजनी, उपद्रव, हिंसा के मामले में (केस नंबर 167) SC-ST कोर्ट टोंक में चार्ज बहस हुई। वहीं SDM के थप्पड़ मारने के मामले (केस नंबर 166) में 9 मई को चार्ज बहस हो चुकी। दोनों केस में अब आगे की सुनवाई के लिए 30 मई का समय दिया गया है।
नरेश मीणा के वकील फतेह सिंह मीणा ने बताया कि जयपुर हाईकोर्ट में 21 और 23 मई को जमानत याचिका पर सुनवाई होगी। हाईकोर्ट के न्यायाधीश से अपील की जाएगी कि यह मामला सामान्य मारपीट का है। पुलिस ने बेवजह नरेश मीणा पर 307 की धारा लगाई है।

समर्थकों ने कहा- बड़े नेता के इशारे पर जमानत में देरी नरेश मीणा के समर्थक सरपंच संघ जिलाध्यक्ष मुकेश मीणा और छान सूर्याबास सरपंच आरडी गुर्जर ने बताया- थप्पड़ मारने पर ही 6ह माह से नरेश मीणा जेल में है। जबकि इतना बड़ा अपराध नहीं है। नरेश मीना की जमानत नहीं होने देने के पीछे एक-दो बड़े नेता का हाथ है। लेकिन अब चुप नहीं बैठेंगे, जल्द ही आंदोलन की रुपरेखा बनाएंगे। कोर्ट परिसर के बाहर नरेश मीणा के समर्थकों ने जोरदार नारेबाजी की।
पोलिंग बूथ पर SDM को मार दिया था थप्पड़ 13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के समरावता (टोंक) गांव में उपचुनाव में वोटिंग का बहिष्कार किया गया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर था। इसी दौरान नरेश मीणा ने अधिकारियों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया। उसने पोलिंग बूथ में घुसने की कोशिश की तो SDM अमित चौधरी ने उसे रोका। इसके बाद नरेश ने तैश में आकर उन्हें थप्पड़ मार दिया।
रात को नरेश मीणा को पकड़ने आई पुलिस और ग्रामीण आमने-सामने हो गए थे। इस दौरान गांव में कई गाड़ियों में आग लगा दी गई। स्थिति काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और हवाई फायर किया था। आंसू गैस के गोले छोड़े थे। दूसरे दिन 14 नवंबर को दोपहर करीब 12 बजे पुलिस ने नरेश मीणा को धरना स्थल से गिरफ्तार कर लिया था। नरेश मीणा पर 4 मुकदमे लगाए गए थे।
कोर्ट के आदेश पर नरेश मीणा को 15 नवंबर को जेल भेज दिया था। इस मामले में पहले उनियारा और टोंक डीजे कोर्ट में सुनवाई हुई थी। जहां से जमानत खारिज हो चुकी है। अप्रैल में इस केस को नरेश मीणा के वकील ने प्रार्थना पत्र लगाकर SC-ST कोर्ट टोंक में ट्रांसफर करवा लिया।
