एसीबी के एएसपी रिश्वतकांड में पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ और पूर्व में की गई कॉल रिकॉर्डिंग में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। एएसपी सुरेंद्र ने सवाई माधोपुर के थानों से वसूली और कार्मिकों को ब्लैकमेल करने के लिए भरतपुर का दलाल सक्रिय कर रखा था।
एसीबी की तरफ से दर्ज एफआईआर में सामने आया कि वर्ष 2023 में उदेई मोड़ के एसएचओ भरत सिंह ने थाने के रोजनामचे में एक रपट डाली थी कि आज भरतपुर निवासी रमेश सिनसिनवार नाम का दलाल थाने आया और बाेला- एएसपी सुरेन्द्र शर्मा से आपके संबंध में बातचीत हुई थी।
आपके लिए बोला कि शाम तक एक लाख रुपए पहुंचा दें या थाना छोड़कर चला जाए। साहब आपसे काफी नाराज चल रहे हैं, वो आपको या आपके थाने के किसी भी पुलिसकर्मी को लपेट लेंगे। साथ ही उसने कहा था कि मैं बाटोड़ा थानाधिकारी रामकेश को भी दो बार एडिशनल साहब से मिल ने के लिए कहा, लेकिन वो मिलने नहीं गया तो उसे ट्रैप कर लिया। मैंने कई लोगों को सेटलमेंट करवाया है। मेरा उनसे व्यक्तिगत संबंध हैं।
पुलिसकर्मियों से वसूली के लिए भरतपुर का दलाल रमेश सक्रिय था। थानों में जाकर एसएचओ को धमकी देता था कि साहब नाराज चल रहे हैं। पैसे लेकर पहुंच जाओ, नहीं गए तो ट्रैप हो सकते हो। इसके अलावा गतवर्ष जून में मानटाउन से एएसपी सुरेन्द्र के खिलाफ परिवाद दिया गया कि एएसपी दलाल रामराज व प्रदीप के जरिए कार्मिकों को संदेश भिजवाता है कि साहब नाराज चल रहे हैं। ऐसे में कार्मिक फंसने के डर से वहां पहुंचते हैं तो वहीं पर वसूली मांगी जाती है। दलाल रामराज एएसपी के जरिए खुद के डंपर फ्री में चलवाता था। वहीं प्रदीप परिवहन विभाग में एजेंट बना हुआ था।
गाली देते हुए- सीओ ताे है, मौके पर आप रहेंगे, बोल देना-फोन आया है
16 जनवरी: रामराज ने एक व्यक्ति को कॉल लगाया। उसने पुलिसकर्मी मुश्ताक से बात करवाई।
मुश्ताक बोला- जय हिंद तो इधर जय हिंद मुश्ताक जी सुरेन्द्र बोल रहा हूं।
मुश्ताक : जी सरसुरेन्द्र : यार ये अपनी जा रही है, बेगार में 4 ट्रक जाएंगे।
मुश्ताक: सर आप एक बार सीओ साहब को कह देते।
सुरेन्द्र: सीओ ताे है। फिर बोले- मौके पर आप रहेंगे आप कह देना कि उनका फोन आया है। जरूरत पड़े तो बात करवा देना।
मुश्ताक: जी सर, मैं एक बार उनकी नॉलेज में डाल दूंगा।कुछ देर वार्ता के बाद सुरेन्द्र बोले आप मौज करो, कभी आ जाना, मिल लेना, नो टेंशन.. वो तो एसएचओ से थी मेरी, आपसे कुछ नहीं किसी से भी। उसकी हेकड़ी निकालनी थी। आपसे कोई दिक्कत नहीं हैं, आपके लिए रामराज ने पहले ही कह दिया था। उसने आपके लिए बोला कि उन्होंने पहले भी कई बार निकाली है। एसएचओ के लिए बोला कि उसकी … जातिगत ऐंठ निकालनी थी। उसको ट्रेलर दिखाना था।
1 मई को की गई वार्तालाप
रामराज ने किसी रामू के मोबाइल पर बात की, फिर सुरेन्द्र फोन लेते हुए बोलता है आपकी पेंडेंसी चल रही है।
रामू: किस से कराऊं आप रवांजना से दो-दो तो ले गए।
सुरेन्द्र : किसी रेंजर से करवाने की बात कहते हैं।
रामू : अभी फॉरेस्ट में भी काम-धाम नहीं चल रहा है।
सुरेन्द्र : किसी काम-धाम की जरूरत नहीं है। किसी से इतना सा कह देना कि आपकी किसी से लेन-देन की रिकॉर्डिंग हो गई है। समय रहते संभाल लो।
- एएसपी सुरेन्द्र वर्ष 1993 से 2012 तक सीकर, दौसा, भरतपुर, अलवर व जयपुर के कई थानों में एसएचओ और टीआई रहा था। उसके बाद डिप्टी बनने के बाद 2016 तक एसीबी और उसके बाद 2021 तक अलग-अलग सीओ रहने के बाद एडिशनल एसपी बना था। तब से एसीबी में तैनात था और सवाई माधोपुर में ही रहा।
- रिश्वतकांड में कई दलाल, रिश्वत देने वाले कार्मिक रडार पर हैं। उनकी भूमिका के संबंध में जांच कर तस्दीक की जा रही है। डीआईजी राजेश सिंह ने जांच अधिकारी विशनाराम की सहायता के एएसपी भूपेन्द्र चौधरी व झाबर मल के नेतृत्व में दो इंस्पेक्टर सहित करीब एक दर्जन कर्मचारी लगा दिए।
