जयपुर में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत ने ठेका कर्मचारियों के मुद्दे पर सरकार और विभागाध्यक्षों के रवैये पर नाराजगी जताई है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने विभिन्न विभागों के प्रमुखों से मुलाकात की।
राजस्थान सरकार ने बजट 2025-26 में ठेका प्रथा समाप्त करने की घोषणा की थी। इसके तहत एक राजकीय संस्था बनाकर ठेका कर्मचारियों को नियमित करने का निर्णय लिया गया। कार्मिक विभाग ने सभी विभागों से ठेका कर्मचारियों और प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से कार्यरत कर्मियों की जानकारी मांगी।

विभागों ने कार्मिक विभाग को शून्य रिपोर्ट भेजी है। उनका कहना है कि उन्होंने पूरा विभाग ही ठेके पर दे रखा है। विभागों का तर्क है कि ठेकेदार ही सेवाएं दे रहा है, कोई कर्मचारी सीधे काम नहीं कर रहा है। यह स्थिति तब है जब सरकार मैनपावर के नाम पर लाखों-करोड़ों का बजट दे रही है।
गजेंद्र सिंह राठौड़ ने विभागाध्यक्षों के इस रवैये पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने सरकार से ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। महासंघ ने चेतावनी दी है कि अगर स्थिति नहीं सुधरी तो ठेका कर्मचारी आंदोलन करेंगे। वे विभागाध्यक्षों के कार्यालयों का घेराव कर कामकाज प्रभावित करेंगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार के इन विभागों की होगी।
