best news portal development company in india

जयपुर कमिश्नरेट में शुरू हुआ साइबर सपोर्ट सेंटर:साइबर क्राइम पीड़ितों की मदद और काउंसलिंग होगी, ट्रोमा से बाहर निकलने में मदद करेगा

SHARE:

जयपुर कमिश्नरेट कार्यालय में आज से साइबर सपोर्ट सेंटर शुरू किया गया है। इस सेंटर में साइबर ठगी के शिकार हुए लोगों की मदद की जाएगी। साइबर क्राइम से कई बार महिलाएं और बच्चे परेशान होकर अवसाद में चले जाते हैं। ऐसे में यह सेंटर इस तरह के पीड़ितों की काउंसलिंग करेगा। ट्रोमा से बाहर निकालने में मददगार साबित होगा।

राजस्थान पुलिस के डीजीपी यूआर साहू, डीजी साइबर क्राइम हेमंत प्रियदर्शी ने इस सेंटर की शुरुआत की है। यह सेन्टर मुम्बई स्थित एनजीओ रेस्पोंसिबल नेटिजन्स द्वारा संचालित किया जाएगा। कोगटा फाउण्डेशन इसमें आर्थिक सहयोग करेगा। यह सेंटर ऑनलाइन ठगी के शिकार हुए लोगों को मुकाबला करने, साइबर अपराधों के पीड़ितों को तत्काल सहायता प्रदान करने और #CyberSafe Jaipur अभियान के अंतर्गत साइबर वेलनेस को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया है।

साइबर अपराध से सबसे अधिक दो चार हो रहे हैं बच्चे

साइबर क्राइम और उससे जुड़े आंकड़ों पर काम कर रही टीम ने बताया- साइबर स्पेस का उपयोग करने वाले 3 में से 1 बच्चे को ऑनलाइन बुलिंग का सामना करना पड़ता है। 70 प्रतिशत बच्चों को साइबर खतरों का हर स्टेज पर सामना करना पड़ा है। साइबर अपराध के 30 प्रतिशत मामले महिलाओं को लक्षित करते हैं। एनसीआरबी. के आंकड़ों के अनुसार फाइनेंस साइबर अपराध के मामलों में 24.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। अकेले साइबर धोखाधड़ी के कारण 2024 में 2054 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ।

राजस्थान में हर साल लगभग 3000 साइबर मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इनमें से 47.25 प्रतिशत पैसों से जुड़ा अपराध है। 30.16 प्रतिशत यूपीआई. घोटाले से सम्बन्धित है। 12 प्रतिशत सोशल मीडिया से सम्बन्धित है। 11 प्रतिशत यौन उत्पीड़न से सम्बन्धित है। साइबर अपराधों में लोगों ने पिछले तीन साल में 1581 करोड़ रुपए गवा दिए। समय पर हस्तक्षेप के कारण पुलिस 676 करोड़ रुपए होल्ड करा सकी है। साइबर हेल्पलाइन पर साइबर स्टॉकिंग, साइबर बुलिंग और अन्य प्रकार से परेशान किया जाता है। विशेष रूप से महिलाओं के शिकार होने के बारे में हर दिन लगभग 10/15 कॉल आते है।

साइबर सेफ जयपुर का उद्देश्य

1. साइबर बुलिंग, ट्रोलिंग, साइबर स्टॉकिंग, रिवेंज पोर्न और ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी सहित ऑनलाइन संकट के पीड़ितों को मुफ्त मनोवैज्ञानिक, कानूनी और तकनीकी सहायता प्रदान करना।

2. शिक्षा, प्रशिक्षण और जागरूकता अभियानों के माध्यम से साइबर अपराधों के जोखिम को कम करने के लिए उपाय अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना।

3. इंटरनेट की लत,ऑनलाइन उत्पीड़न या साइबर अपराधों के मनोवैज्ञानिक प्रभावों से पीड़ित व्यक्तिओं के लिए उपचार की सेवा प्रदान करना।

4. एक सुरक्षित डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी एजेंसियों, कानून प्रवर्तन और कॉर्पोरेट क्षेत्र के साथ निरंतर जुड़ाव के माध्यम से साइबर कल्याण की वकालात करना।

M 24x7 News
Author: M 24x7 News

Leave a Comment

best news portal development company in india
best news portal development company in india
सबसे ज्यादा पड़ गई