चित्तौड़गढ़ जिले में 2 अप्रैल से अवैध बजरी खनन, परिवहन और भंडारण को रोकने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान राज्य सरकार के आदेश पर माइनिंग विभाग द्वारा चलाया जा रहा है। जिला कलेक्टर आलोक रंजन के निर्देशों के बाद अभियान को और ज्यादा प्रभावी बनाया गया है। साथ ही, जिले से सटी भीलवाड़ा सीमा से आने वाली बजरी पर भी रोक लगाने के लिए वहां के जिला प्रशासन से तालमेल कर कार्रवाई की जा रही है।
कलेक्टर के निर्देश: एफआईआर दर्ज कर दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई
जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अवैध बजरी खनन से जुड़े मामलों की गंभीरता से जांच की जाए और जहां जरूरी हो, एफआईआर दर्ज कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि इस प्रकार के खनन पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए नियमित निगरानी जरूरी है। इसके लिए जिले में पुलिस और माइनिंग विभाग की टीमें लगातार सक्रिय हैं।
स्पेशल अभियान में तक 47 प्रकरण, करीब 50 लाख की वसूली
खनिज अभियंता (ME) आहत शाम सिद्दीकी ने बताया कि 2 अप्रैल से अब तक चल रहे अभियान में 47 प्रकरण बनाए गए हैं, जिनमें से 21 प्रकरण बजरी से संबंधित हैं। इनसे 49 लाख 78 हजार रुपए की कुल वसूली हुई है। केवल अवैध बजरी के परिवहन, निर्गमन और भंडारण से 32 लाख 76 हजार रुपए का राजस्व वसूला गया है।
प्रमुख रूटों पर तैनात किया गया पुलिस जाब्ता
प्रशासन ने जिले में अवैध बजरी परिवहन पर रोक के लिए रणनीतिक तौर पर प्रमुख मार्गों पर पुलिस जाब्ता तैनात किया है। इनमें गंगरार-हमीरगढ़-चित्तौड़गढ़, पिपली-बरखेड़ा-साडास-गंगरार, और बड़लियास-हरपुरा मोड़-बस्सी-चित्तौड़-निंबाहेड़ा रूट शामिल हैं। इन रास्तों से अक्सर बजरी का अवैध परिवहन होता रहा है, लेकिन अब सख्त निगरानी के कारण इसमें काफी हद तक कमी आई है। भीलवाड़ा की पुलिस भी इस अभियान में सक्रिय सहयोग दे रही है।
साल 2023: 237 प्रकरण और 2.36 करोड़ की वसूली
खनिज विभाग ने साल 2023 में भी अवैध खनन पर ठोस कार्रवाई की थी। इस दौरान 237 प्रकरण बनाए गए, जिनसे 2 करोड़ 36 लाख रुपए का राजस्व वसूला गया। बजरी से जुड़े मामलों में 72 ट्रैक्टर और 29 डंपर जब्त किए गए, जिससे अकेले 1 करोड़ 35 लाख रुपए की वसूली हुई। इसके अलावा बजरी, मिट्टी और अन्य खनिजों के अवैध परिवहन में 119 ट्रैक्टर और 51 डंपर पकड़े गए थे।
साल 2023-24: कम प्रकरण, दोगुनी वसूली
वर्ष 2023-24 में भले ही प्रकरणों की संख्या कुछ घटकर 199 रह गई, लेकिन कार्रवाई पहले से कहीं ज्यादा सख्त और प्रभावशाली रही। इस साल 4 करोड़ 39 लाख रुपए की वसूली की गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग दोगुना है। इस दौरान विभाग ने 13 एफआईआर भी दर्ज कीं, जिससे यह साबित होता है कि अब अवैध खनन में लिप्त लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है।
बजरी के खिलाफ सख्ती: 101 प्रकरण और 2.61 करोड़ की वसूली
वर्ष 2023-24 में 101 प्रकरण सिर्फ बजरी से संबंधित बनाए गए, जिनसे 2 करोड़ 61 लाख रुपए की वसूली हुई। बजरी के मामलों में 44 ट्रैक्टर और 44 डंपर जप्त किए गए। यह दिखाता है कि विभाग ने बजरी के अवैध खनन और परिवहन पर विशेष फोकस किया।
अन्य खनिजों पर भी कार्रवाई, सैकड़ों गाड़ियां जब्त
बजरी के अलावा अन्य खनिज जैसे मिट्टी, पत्थर, चूना पत्थर आदि के अवैध परिवहन पर भी विभाग की नजर रही। साल 2023-24 में सभी खनिज पदार्थों के अवैध परिवहन मामलों में 81 ट्रैक्टर और 65 डंपर जप्त किए गए। इससे स्पष्ट है कि विभाग केवल बजरी ही नहीं, बल्कि सभी प्रकार के अवैध खनन को रोकने में सक्रिय है।
कार्रवाई और निगरानी से आई तेजी
दो साल के आंकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि चित्तौड़गढ़ में माइनिंग विभाग और जिला प्रशासन की ओर से अवैध खनन पर लगातार सख्ती बरती जा रही है। राजस्व वसूली में भारी इजाफा होने के साथ-साथ एफआईआर दर्ज किए गए और दर्जनों ट्रैक्टर-डंपर जप्त किए गए है।
