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बिजयनगर रेप ब्लैकमेलकांड-कैफे संचालक सहित 2 नाबालिग की जमानत खारिज:कैफे पर ही नाबालिग लड़कियों से हुआ था रेप, कर्नाटक से पकड़ा गया था

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बिजयनगर रेप ब्लैकमेल कांड मामले में आज अजमेर की पॉक्सो कोर्ट में 3 आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई हुई। मामले में आरोपी कैफे संचालक श्रवण जाट सहित दो नाबालिगों ने जमानत याचिका लगाई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तीनों की अर्जी को खारिज कर दिया।

इससे पहले 4 जून को पूर्व पार्षद हकीम कुरैशी की जमानत याचिका को भी खारिज किया गया था। पुलिस ने मामले में बिजयनगर थाना पुलिस ने कुल 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिसमें से 11 बालिग और 5 नाबालिग है।

18 फरवरी को पेशी के दौरान आरोपियों को कोर्ट परिसर में वकीलों ने पीटा था।
18 फरवरी को पेशी के दौरान आरोपियों को कोर्ट परिसर में वकीलों ने पीटा था।

कैफे संचालक की जमानत खारिज सरकारी वकील प्रशांत यादव ने बताया- पीड़िताओं से चील आउट कैफे में रेप की वारदात हुई थी। कैफे संचालक श्रवण कुमार आरोपियों से संपर्क में था। ये जानते हुए कि आरोपी नाबालिग पीड़िताओं को गलत काम के लिए कैफे लेकर आए है उन्हें रोका नहीं और पैसे लेकर कैफे में शरण दी।

वारदात के दौरान आरोपी श्रवण कुमार भी कैफे में मौजूद था। मामला सामने आने के बाद कैफे संचालक भाग गया, जिसे कर्नाटक से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया था। अब आरोपी कैफे संचालक ने जमानत याचिका कोर्ट में पेश की थी। इस पर आज कोर्ट में सुनवाई हुई। सरकारी वकील ने कहा- कोर्ट के सामने हमने अपना पक्ष रखा। कोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

इस मामले में 2 नाबालिगों की जमानत याचिका भी पेश थी। इस पर सुनवाई करते हुए भी खारिज कर दिया गया। दोनों नाबालिगों के अन्य आरोपियों के साथ पीड़िताओं को परेशान करते थे। फोन पर अश्लील बातें करते थे और अन्य लड़कियों से दोस्ती बनाने के लिए दबाव डालते थे। बुर्का और रोज पढ़ने के लिए मजबूर करते थे।

4 जून को पूर्व पार्षद की जमानत याचिका खारिज हुई थी

4 जून को पूर्व पार्षद हकीम कुरैशी की जमानत याचिका पर भी सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने पूर्व पार्षद की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने टिप्पणी में कहा था- नाबालिग लड़की पर रोजा रखने और कलमा पढ़ने का दबाव बनाना उनकी पसंद के कपड़े पहने और आरोपियों के साथ जाने को मजबूर करना गंभीर प्रकृति का अपराध है।

पुलिस ने इन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने इन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

अब सिलसिलेवार पढ़िए पूरा घटनाक्रम…

15 फरवरी को सामने आया था मामला

15 फरवरी को बिजयनगर थाने में एक नाबालिग लड़की ने मामला दर्ज कराया था। उसके बाद एक और नाबालिग ने मामला दर्ज कराया था। फिर 3 लड़कियों के पिता ने भी रिपोर्ट दी गई थी। आरोप था कि ये प्राइवेट स्कूल में पढ़ रही नाबालिग लड़कियों का रेप और अश्लील फोटो-वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर रहे थे।

जबरन कलमा पढ़ने, रोजा रखने और धर्मांतरण के लिए विवश कर रहे थे। पुलिस ने पॉक्सो सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। मामला सामने आने के बाद बिजयनगर समेत कई जगह प्रदर्शन हुए और आरोपियों को अरेस्ट करने की मांग उठी। पुलिस ने जब एक-एक कर आरोपियों को पकड़ा तो मामले से पर्दा उठने लगा। आरोपियों में पूर्व पार्षद हकीम कुरैशी भी शामिल था।

टेंपो ड्राइवर ने पहली लड़की को फंसाया था

21 साल के आशिक पुत्र राज मोहम्मद मंसूरी बिजयनगर का रहने वाला है। टेंपो चलाता था। सबसे पहली लड़की को आशिक ने ही फंसाया था। आशिक अक्सर छात्रा के स्कूल के रास्ते में खड़ा रहता था। पहले उसने छात्रा से दोस्ती की थी। उसे की-पैड वाला छोटा-सा चाइनीज मोबाइल दिला दिया था। रोज फोन पर उससे बात करता था। वह छात्रा से इंस्टाग्राम पर भी जुड़ गया था। छात्रा से फोटो-वीडियो मंगवाए थे।

इतना ही नहीं, वह उसे बाहर घुमाने भी ले जाने लगा था। इसी दौरान उसने छात्रा के आपत्तिजनक वीडियो बना लिए और ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया था। इसी छात्रा के सहारे उसने एक अन्य लड़की को भी फंसा लिया था। पहली लड़की के नंबर और उसके वीडियो अपने साथियों को शेयर कर दिए थे।

18 फरवरी को आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया था। इस दौरान वकीलों ने पुलिस के घेरे में चल रहे आरोपियों को पीट दिया था।
18 फरवरी को आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया था। इस दौरान वकीलों ने पुलिस के घेरे में चल रहे आरोपियों को पीट दिया था।

एक भी आरोपी स्कूल में नहीं पढ़ता था, कोई मजदूर, कोई वेल्डर

आरोपी आपस दोस्त थे। इनमें से कुछ एक ही मोहल्ले के रहने वाले थे। सभी हमाली, वेल्डिंग, पेंट करने और फर्नीचर का काम करते थे। एक भी आरोपी स्कूल में नहीं पढ़ता था। इसके बावजूद इन्होंने कई स्कूल गर्ल्स को फंसा लिया था। इन्होंने जिन लड़कियों को शिकार बनाया, वे भी एक ही मोहल्ले के आस-पास की रहने वाली थी।

आरोपियों ने एक के बाद एक कई लड़कियों को शिकार बनाया था। गिरोह में शामिल हर आरोपी इन लड़कियों के नंबर एक-दूसरे से शेयर करता था। जो भी लड़की आरोपियों का शिकार बनती, उसके अश्लील फोटो वीडियो बना लिए जाते थे। इसी के दम पर ब्लैकमेल किया जाता था। लड़कियों पर रोजा रखने और कलमा पढ़ने के लिए भी दबाव डाला जाता था।

आरोपियों का अजमेर ब्लैकमेल कांड जैसा ही तरीका था

सभी आरोपियों का नाबालिग बच्चियों को फंसाने और शिकार करने का तरीका साल 1992 में हुए अजमेर ब्लैकमेल कांड के आरोपियों के तरीके जैसा ही था। यहां भी आरोपियों ने एक ही प्राइवेट स्कूल की बच्चियों को टारगेट कर रखा था।

दरअसल, इन सभी बच्चियों के स्कूल आने-जाने का रास्ता कुछ आरोपियों के मोहल्ले के पास से होकर गुजरता था। आरोपियों ने इसका ही फायदा उठाया था।

M 24x7 News
Author: M 24x7 News

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