भीलवाड़ा के हनुमान नगर थाना इलाके के सहलाई गांव में अवैध खदान ढहने से 2 युवक मलबे में दब गए थे। दोनों श्रमिकों की बॉडी को देर रात रेस्क्यू टीम ने निकाल ली। पहले रात करीब 9 बजे एक मजदूर का शव बाहर निकल गया। इसके करीब आधे घंटे बाद में दूसरे लेबर के शव को टीम ने खोज निकाला। देर रात दोनों दोनों बॉडी को देवली अस्पताल की मॉर्च्युरी में भिजवाया, जहां आज उनका पोस्टमॉर्टम किया जाना था, लेकिन परिजन और ग्रामीणों ने उचित मुआवजे की मांग को लेकर बॉडी लेने से इनकार कर दिया। दोनों परिवारों द्वारा उचित मुआवजे की मांग को लेकर मॉर्च्युरी के बाहर प्रदर्शन किया जा रहा है।

दोनों युवकों के आधा घंटे के अंतराल पर मिले शव खनन हादसे के शिकार दोनों युवक किशन (35) पिता रामनाथ जोगी निवासी उंदरों का खेड़ा थाना बिजौलिया और मुकेश (25) पिता राम जोगी निवासी नेकेड थाना शकरगढ़ के शव आधा घंटे के अंतराल पर मिले, लेकिन घटना के 8 घंटे बाद शव बरामद हो सके। सबसे पहले खान में दबे मुकेश कुमार जोगी का शव मंगलवार रात 9 बजे मिला। इसके करीब आधा घंटे बाद किशन कुमार का भी शव मिला।
प्रत्यक्षदर्शी राजू जोगी ने बताया कि मेरी दोनों बेटियों के पति के साथ मैं यहां पर मजदूरी कर रहा था। इसी दौरान मैं किसी काम से गांव में दुकान चला गया। जब मैं वापस लौटा तो मुझे खान में मिट्टी धंसी हुई मिली और मेरे दोनों दामाद कहीं नहीं दिखाई दिए। इसके बाद मैने ठेकेदार बंटी और राजेंद्र निवासी सरसिया को फोन से सूचना दी। जिसके बाद ठेकेदार ने एक मशीन बुलवाकर मेरे दामादों को निकालने के प्रयास शुरू किए।
हनुमान नगर थाना प्रभारी गणेशराम मीणा ने बताया कि हमें सूचना शाम 4 बजे मिली। उसके बाद हनुमान नगर पुलिस सहित जहाजपुर प्रशासनिक अमला ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। मौके पर एक एलएनटी मशीन द्वारा मिट्टी निकलवाने का काम शुरू करवाया गया, लेकिन मिट्टी खुदाई के दौरान पास में पड़ी हुई मिट्टी वापस गिर रही थी, जिसके कारण रेस्क्यू में समय लग रहा था।
भुंवार एवं शिव नगर गांव के समीप जंगल में चल रही अवैध माइंस की चौड़ाई कम होने एवं गहराई अधिक होने के कारण रेस्क्यू में ज्यादा समय लगा।
हादसे का कारण खुदाई की मिट्टी का दोनों तरफ होना मौके की स्थिति के अनुसार हादसे का मुख्य कारण अवैध माइंस की खुदाई के दौरान बाहर निकाली जाने वाली मिट्टी को दूर नहीं डालकर दोनों ओर के किनारे पर डालना ही है। खुदाई वाली मिट्टी भूरभूरी होने के कारण नीचे कंपन्न और अन्य गतिविधि के वक्त माइंस में भरभराकर गिर जाती है इसी कारण ऐसे हादसे होते हैं।

पिता के सामने ही उजड़ा दोनों पुत्रियों के मांग का सिंदूर अवैध माइंस में लेबर के तौर पर ससुर राजू नाथ योगी और दोनों दामाद किशन योगी एवं मुकेश योगी कार्य कर रहे थे। दोनों दामाद खनन हादसे का शिकार हो गए, लेकिन मौके पर मौजूद ससुर कुछ भी मदद नहीं कर सका। ससुर राजू ने बताया कि मेरी बड़ी बेटी सीता की शादी 2008 में किशन जोगी पुत्र रामनाथ कालबेलिया निवासी उंदरा का खेड़ा थाना बिजोलिया के साथ हुई थी। किशन के 2 बेटे और 1 महीने की बेटी है। वहीं दूसरी बेटी माया की शादी मुकेश जोगी पुत्र निवासी नेगढ थाना शक्कर गढ़ के साथ 2 साल पहले हुई थी। माया की एक माह बाद ही डिलीवरी होने वाली है।
क्षेत्र में अवैध माइंस की हैं भरमार हनुमान नगर क्षेत्र के लुहारी, पोलिया, टिकड़, इटुंदा क्षेत्र में अवैध माइंस की भरमार है। टिकड़, लुहारी व पोलिया गांव में स्लेट स्टोन की दर्जनों माइंस अवैध रूप से चल रही हैं। वहीं लुहारी व इटुंदा क्षेत्र में भी क्वार्टस पत्थर की कई माइंस अवैध रूप से चल रही हैं।
जमाबंदी में माइंस की भूमि के ये हैं खातेदार मौके पर मौजूद तहसीलदार रवि मीणा की मौजूदगी में पटवारी सुरेश कुमार ने बताया कि अवैध माइंस की जमाबंदी के अनुसार धर्मराज, राजवीर, नर्मदा पुत्र ओंकार मीणा, गीता पुत्री भूरी मीणा निवासी शिवनगर के नाम खातेदारी है। जबकि वहां मौजूद लोगों का कहना था कि इस माइंस को सरसिया गांव के बंटी व राजेंद्र चलाते हैं।
खनन हादसे के पश्चात मौके पर जहाजपुर एसडीएम राजकेश मीणा, डीएसपी नरेंद्र पारीक, तहसीलदार रवि कुमार मीणा, हनुमान नगर थाना प्रभारी गणेशाराम मीणा एवं कॉन्स्टेबल लालाराम व टीकम सहित पुलिस जाप्ता मौजूद रहा।
