अजमेर के जेएलएन हॉस्पिटल में ओपीडी से बच्चा गुम होने की सूचना के बाद हड़कंप मच गया। हॉस्पिटल प्रशासन को सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और हॉस्पिटल के चारों गेट बंद करवा दिए। गार्ड और प्रशासन ने बच्चे की पूरे हॉस्पिटल में तलाश की। इस दौरान गार्ड को बच्चा पहली मंजिल पर खेलते हुए मिला।
फॉयसागर रोड निवासी चंदन यादव अपनी पत्नी के साथ डॉक्टर को दिखाने के लिए जेएलएन हॉस्पिटल की ओपीडी में पहुंचे थे। इस दौरान दोनों पति-पत्नी अपने साढ़े तीन साल के बच्चे को भी साथ लाए थे। बच्चा भीड़ ज्यादा होने के कारण माता-पिता से बिछड़ गया। मां ने जब अपने बेटे को नहीं देखा तो पति को उसकी जानकारी दी गई। पति-पत्नी हॉस्पिटल अधीक्षक के कक्ष में पहुंचे और बच्चा गुम होने की जानकारी दी।
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर अनिल सामरिया, अस्पताल अधीक्षक डॉ. अरविंद खरे और मीडिया प्रभारी डॉक्टर अमित यादव तुरंत हरकत में आए और जेएलएन अस्पताल के चारों तरफ सभी गेट बंद करवा दिए। गार्ड को ढूंढने के लिए निर्देश दिए गए। करीब एक घंटे तक ढूंढने के बाद बच्चा पहली मंजिल पर गार्ड को खेलता हुआ मिला।

जरूरत पड़ने पर ही बच्चों को हॉस्पिटल लाए
प्रिंसिपल डॉक्टर अनिल सामरिया ने बताया- बच्चा गुम होने की सूचना मिली थी। सभी गेट बंद करवा कर बच्चे की तलाश की गई। बच्चा पहली मंजिल पर खेलते खेलते पहुंच गया था। प्रिंसिपल ने कहा कि अस्पताल में जरूरत पड़ने पर ही अपने बच्चों को लेकर आए। वरना उन्हें घर पर ही रखें क्योंकि अस्पताल में संभाग से मरीज दिखाने के लिए पहुंचते हैं।
मां बोली- बेटा पास नहीं था तो ऐसा लगा जीना बेकार
मां पूजा ने बताया- वह डॉक्टर के पास जांच करवाने के लिए गई थी। तभी वह अपने पिता के साथ था। इस दौरान भीड़ में बेटे का हाथ छूट गया। जब बेटा पास नहीं था तब ऐसा लगने लगा कि मेरा जीना ही बेकार है। मैं अपने बाबू को भी संभाल नहीं पाई। मां ने बताया कि मैं अब अपने बेटे को कभी भी अपने से दूर नहीं करूंगी। मैं बच्चों के बिना जी नहीं सकती थी। अब से उसे 1 मिनट भी दूर नहीं रखूंगी।
