best news portal development company in india

अहमदाबाद जगन्नाथ रथयात्रा में डीजे से हाथी बेकाबू… 100 मीटर तक भागा, डर से अफरा-तफरी मची; 17 हाथियों के ग्रुप में सबसे आगे चल रहा था

SHARE:

अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में शुक्रवार सुबह 10 बजे एक हाथी बेकाबू हो गया और 100 मीटर तक भागा। इसके बाद रथ यात्रा में भगदड़ सी मच गई। लोग इधर-उधर भागते दिखे। बेकाबू हाथी17 हाथियों के ग्रुप में सबसे आगे चल रहा था। हाथी को वन विभाग के अमले ने काबू किया।

जानकारी के मुताबिक, हाथी डीजे और सीटी की आवाज से उत्तेजित होकर बेकाबू हुआ था। फिलहाल रथ यात्रा से 3 हाथियों को हटा दिया गया है, इसमें दो मादा हाथी और एक नर हाथी शामिल है। अब 17 में से 14 हाथी रथ यात्रा में शामिल होंगे।

अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में एक हाथी बेकाबू हो गया और महावत को नीचे गिरा दिया। इससे भगदड़ मच गई।
बेकाबू हाथी रथ यात्रा में 17 हाथियों के ग्रुप में सबसे आगे चल रहा था। वह बेकाबू हुआ तो भगदड़ मच गई।
बेकाबू हाथी रथ यात्रा में 17 हाथियों के ग्रुप में सबसे आगे चल रहा था। वह बेकाबू हुआ तो भगदड़ मच गई।
बेकाबू हाथी 100 मीटर तक दौड़ा। इस दौरान लोगों जान बचाकर भागे।
बेकाबू हाथी 100 मीटर तक दौड़ा। इस दौरान लोगों जान बचाकर भागे।

डीजे-सीटी की तेज आवाज के चलते बेकाबू हुआ

शुक्रवार सुबह रथ यात्रा निकल रही थी। खाड़िया क्षेत्र के पास जैसे ही रथ पहुंचा, सबसे आगे चल रहा नर हाथी अचानक उत्तेजित हो गया। तेज आवाज में बज रहे डीजे और सीटी की आवाजों से वह घबरा गया। वह तेजी से दौड़ते हुए पास की पोल गली की ओर 100 मीटर भागा, रास्ते में बैरिकेड्स तोड़ दिए और कई लोगों को गिरा दिया। हालांकि, किसी को गंभीर चोट नहीं आई।

मादा हाथियों की मदद से काबू में किया

वन विभाग के अधिकारी आर.के. साहू ने बताया कि हाथी को काबू करने के लिए दो मादा हाथियों की मदद ली गई। मादा हाथियों की उपस्थिति से नर हाथी शांत हुआ और उसे खाड़िया के पास एक सुरक्षित स्थान पर बांध दिया गया है। फिलहाल वह शांत और निगरानी में है। अधिकारी ने बताया कि “हाथी को हाथी ही काबू कर सकता है, इसीलिए मादा हाथियों को बुलाया गया।”

हाथी के बेकाबू होने के समय आस-पास हजारों लोग मौजूद थे। इस वजह से जान-माल का बड़ा खतरा था।
हाथी के बेकाबू होने के समय आस-पास हजारों लोग मौजूद थे। इस वजह से जान-माल का बड़ा खतरा था।

रथ यात्रा में शामिल हाथियों की मेडिकल जांच होती है

रथ यात्रा में सजाए गए हाथी हमेशा एक खास आकर्षण का केंद्र रहे हैं। इस साल रथ यात्रा में शामिल सभी हाथियों की शारीरिक और मानसिक सेहत की पूरी जिम्मेदारी अहमदाबाद जिले के पशुपालन विभाग द्वारा निभाई गई।

23 जून से हाथियों के स्वास्थ्य की लगातार निगरानी

अहमदाबाद जिले के उप पशुपालन निदेशक सुकेतु उपाध्याय ने बताया कि 23 जून से हाथियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की लगातार निगरानी की जा रही थी। सभी हाथियों का हेल्थ चेकअप किया गया और उन्हें स्वास्थ्य प्रमाण पत्र (हेल्थ सर्टिफिकेट) भी जारी किए गए। वेटरनरी टीम यह भी तय करती है कि हाथियों को मक्खी या अन्य कीड़े परेशान न करें। यदि कोई बीमारी हो तो उसका समय पर इलाज किया जाता है, ताकि हाथियों की सेहत बनी रहे।

सभी हाथियों को नियंत्रित रखने के लिए उनके साथ महावत भी मौजूद होते हैं।

डार्ट गन से किया जाता है नियंत्रण

उपाध्याय ने यह भी बताया कि रथ यात्रा के दौरान लगातार तीन दिन तक हाथियों की सेहत पर नजर रखी जाती है। वन विभाग और वेटरिनरी विभाग की टीमें हाथियों के साथ रहती हैं, ताकि उन्हें कोई परेशानी या तनाव न हो। अगर कोई हाथी मानसिक संतुलन या मिजाज खो देता है, तो वन विभाग की टीम डार्ट गन से इंजेक्शन देकर उसे कंट्रोल करती है।

अहमदाबाद में जगन्नाथ यात्रा की तस्वीरें…

अहमदाबाद में जगन्नाथ यात्रा सुबह 7 बजे शुरू हुई थी।
अहमदाबाद में जगन्नाथ यात्रा सुबह 7 बजे शुरू हुई थी।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पाहिंद विधि कर रथ यात्रा की शुरुआत की। फिर रथ के आगे सोने की झाड़ू लगाई।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पाहिंद विधि कर रथ यात्रा की शुरुआत की। फिर रथ के आगे सोने की झाड़ू लगाई।

अहमदाबाद में जगन्नाथ यात्रा से जुड़ी 3 घटनाएं…

1946 में हाथी पर निकाली गई थी यात्रा

गुजरात में 1946 में हुए सांप्रदायिक दंगों के बीच भी रथ यात्रा निकाली गई थी। तत्कालीन सरकार ने रथ यात्रा की अनुमति नहीं दी थी।लेकिन भक्त परंपरा को टूटने नहीं देना चाहते थे। उस समय जगन्नाथ मंदिर के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। मंगला आरती और यात्रा के उद्घाटन समारोह के बाद हाथी पर भगवान को सवार कर यात्रा निकाली गई थी।

1993 में रथ पर बुलेटप्रूफ शीशे लगाए गए थे

1992 में जब अहमदाबाद में दंगे भड़के थे, तब हाथी ने भगवान को शहर में जुलूस के रूप में घुमाया था और रथ यात्रा पूरी हुई थी। वहीं, 1993 के दंगों को दौरान कोई दूर से गोली न चला सके, इसके लिए रथ पर बुलेटप्रूफ शीशे लगाए गए थे।

हाथी ने रथ यात्रा रोकने वाली पुलिस वैन को उठाकर फेंक दिया था

1985 में दंगों के दौरान रथ यात्रा निकालना एक मुश्किल भरा काम था। सरकार ने रथ यात्रा की मंजूरी नहीं दी थी। लेकिन, लोग यात्रा निकालने पर अड़े थे। रथ यात्रा की तैयारियों के बीच मंदिर के दरवाजे के पास पुलिस वैन खड़ी कर दी गई थी। इस वैन को सरजू्प्रसाद नाम के हाथी ने सूंड़ से उठाकर फेंक दिया था। इस घटना के बाद लोगों ने मान लिया कि भगवान जगन्नाथ भी यात्रा चाहते हैं। फिर भक्तों का प्रवाह सारी बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ गया था। इतना ही नहीं, रथ यात्रा शांति से पूरी भी हुई।

M 24x7 News
Author: M 24x7 News

Leave a Comment

best news portal development company in india
best news portal development company in india
सबसे ज्यादा पड़ गई