आप सोचते होगे कि आपके देश मे किले राजे महराजे बनवाते थे तो आप 100% गलत हैं।
आप सोचते हैं कि जिस सामग्री से किले बने हैं वह तो आपके आसपास सैकड़ो मील दूर तक नही मिलती तब आप ठीक सोचते हैं।
आप सोचते हैं कि क्या हुआ आखिर राजा कही से भी सामग्री मंगवा लेगा तो आप सोचिए तीस से सौ वर्गकिलोमीटर क्षेत्र का राजा जिसके सारे पड़ोसी घात लगाए बैठे हो वह बाहर से् सामान कैसे लाएगा तब आप ठीक सोचेगे।
अगर आप इन राजाओ के व्यापारी होने और सामान लाने के बारे मे विचार करे तब सामग्री आ सकती है।
लेकिन आपको तो रजवाडों की आपसी दुश्मनी राजाओ की वीरता और महानता के किस्से ही सुनाए गए हैं।
चाहे आपके तात्कालिक पुरखे उन्हे जानते भी न हो।
लेकिन एक सी सामग्री और लगभग एक मूल स्वरूप पर खड़े किले एक ही तरह की सोच रखने वाले वास्तुकारो ने बनाए हो।
अब आप सोचे कि एक ही शक्ति जो सबको निर्माण सामग्री उपलब्ध कराए तो 150 साल मे सैकड़ो किले बनकर तैयार हो सकते हैं।
आखिरी प्रश्न करे कि इतनी सामग्री की ढुलाई कैसे होती होगी जबकि हमारे यहां कुछ किले 200/250 वर्ष पुराने हो सकते हैं।और रेल 170 साल पुरानी है तो इसका जबाब ये तस्वीरे देगीं।
वोधिराज
