झालावाड़ में अंतरराज्यीय गांजा तस्करी मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो भाइयों सहित 3 और तस्करों को गिरफ्तार किया है। ये वही लोग हैं, जिन्हें हाल ही में पकड़े गए ट्रक से 103.600 किलो गांजे की सप्लाई दी जानी थी।
डग पुलिस ने 27 अगस्त को नाकाबंदी के दौरान सरियों की आड़ में गांजा की तस्करी करते हुए सेना के जवान सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया था। इसी मामले में पगारिया थाना पुलिस ने अब उन तीन लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया है, जिन्हें यह गांजा सप्लाई किया जाना था। यह खेप झालरापाटन व आसपास के क्षेत्र में खपाई जानी थी। गिरफ्तार आरोपियों में झालरापाटन निवासी दो भाई सहित कुल तीन लोग शामिल हैं।
कैसे हुआ खुलासा
27 अगस्त को डग पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान लोहे के सरियों से भरे ट्रक की आड़ में ले जाया जा रहा 103.600 किलो गांजा पकड़ा था। उस समय पुलिस ने सेना के जवान सहित चार तस्करों को गिरफ्तार किया था। मामले की जांच भवानीमंडी डीएसपी प्रेम कुमार के सुपरविजन में पगारिया थानाधिकारी किशोर को सौंपी गई।
जांच में सामने आया कि गांजा उड़ीसा से लाकर झालरापाटन व आसपास के क्षेत्रों में खपाया जाना था। इस आधार पर पुलिस ने सप्लाई लेने वालों की पहचान कर झालरापाटन निवासी दो सगे भाई आज़ाद गौरी (52) और रईस गौरी पुत्र अब्दुल गफ्फार गौरी तथा पिपलिया भवानीमंडी निवासी चरण सिंह पुत्र बजरंग सिंह को गिरफ्तार किया।
शहर में निकाली गई परेड
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आमजन में विश्वास और अपराधियों में भय कायम रखने के उद्देश्य से शुक्रवार को तीनों आरोपियों की झालरापाटन की सड़कों पर पैदल परेड कराई। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर जमा हो गए। भीड़ ने आरोपियों को अपराधियों की नजर से देखा, जबकि पुलिस कस्टडी में चल रहे आरोपियों की नजरें शर्म से झुकी हुई थीं।
आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड
आज़ाद गौरी: इसके खिलाफ कुल 6 मामले दर्ज हैं। इनमें 5 एनडीपीएस एक्ट और एक जुआ-सट्टे का केस शामिल है। 15 दिन पहले भी यह मादक पदार्थ तस्करी में गिरफ्तार हुआ था लेकिन कम मात्रा होने से जमानत पर छूट गया था।
रईस गौरी: इस पर कुल 4 मामले दर्ज हैं। इनमें 2 एनडीपीएस एक्ट और 2 हथियार तस्करी से जुड़े केस शामिल हैं।
चरण सिंह: इसके खिलाफ भवानीमंडी थाने में तेज रफ्तार से वाहन चलाकर लोगों की जान खतरे में डालने का एक मामला दर्ज है।
झालावाड़ एसपी अमित कुमार ने कहा-
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पुलिस गांजा तस्करी नेटवर्क की गहन जांच कर रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि इतनी बड़ी खेप किन-किन जगहों पर सप्लाई की जानी थी और इस गिरोह में और कौन-कौन शामिल हैं।







