राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत आज दोपहर दो बजे जोधपुर आएंगे। वे 5 से 7 सितंबर तक अखिल भारतीय समन्वय बैठक में हिस्सा लेंगे। बैठक में हिस्सा लेने के लिए आरएसएस के सरकार्यवाह व अन्य पदाधिकारी भी मंगलवार से जोधपुर पहुंचना शुरू होंगे। डॉ. भागवत 9 सितंबर की सुबह तक लालसागर स्थित आदर्श विद्या मंदिर में प्रवास करेंगे।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट में सोमवार सुबह 5 बजे से आगामी आदेश तक ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी लगा दी गई है।
संघ प्रमुख के साथ इनकी भी रहेगी मौजूदगी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक 5 से 7 सितंबर को जोधपुर के लालसागर क्षेत्र में स्थित आदर्श विद्या मंदिर में होगी। यह बैठक हर साल होती है। पिछले साल सितंबर में यह पालक्काड़ (केरल) में हुई थी। इस बैठक में संघ प्रेरित 32 विविध संगठनों के चयनित पदाधिकारी सहभागी होते हैं।
बैठक में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले सहित सभी छह सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, सी.आर. मुकुंद (केसी मुकुंद), अरुण कुमार, रामदत्त चक्रधर, अतुल लिमये और आलोक कुमार व अन्य प्रमुख पदाधिकारी, भाजपा से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष भी इस बैठक में उपस्थित रहेंगे।
इनके अलावा संघ विचारधारा वाले संगठनों में राष्ट्र सेविका समिति, वनवासी कल्याण आश्रम, विश्व हिंदू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय किसान संघ, विद्या भारती, भारतीय मजदूर संघ सहित 32 संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, संगठन मंत्री एवं प्रमुख पदाधिकारी बैठक में हिस्सा लेंगे।
बैठक के एजेंडे में कई अहम मुद्दे संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर के अनुसार- बैठक में सभी संगठन कार्य क्षेत्र में अपने अनुभवों के आधार पर परिस्थितियों का आकलन प्रस्तुत करते हैं। राष्ट्रीय एकात्मता, सुरक्षा एवं सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण विषयों पर बैठक में व्यापक चर्चा और करणीय कार्यों में परस्पर समन्वय स्थापित करने के लिए आवश्यक कदमों की पहल होती है।
हाल में हुई महत्वपूर्ण घटनाओं पर सामूहिक समीक्षात्मक विश्लेषण भी किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से स्वतंत्रता दिवस के भाषण में उठाए गए प्रमुख मुद्दों और अवैध घुसपैठ से उत्पन्न चुनौतियों के मद्देनजर एक उच्च-स्तरीय जनसांख्यिकी मिशन स्थापित करने की घोषणा पर भी चर्चा हो सकती है।
संघ शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम बैठक में विविध संगठन के कार्यकर्ता अपने कार्य की जानकारी, उपलब्धियों और आगामी योजनाओं को भी प्रस्तुत करेंगे। संघ शताब्दी के कार्यक्रमों में सभी संगठनों की सहभागिता पर भी विचार-विमर्श अपेक्षित है। शताब्दी वर्ष के निमित्त संघ ने समाज के समक्ष पंच परिवर्तन का विचार रखा है, जिसमें राष्ट्र निर्माण, सेवा गतिविधियों और सामाजिक एकता के कार्यक्रम शामिल हैं।
ट्रंप टैरिफ और अवैध घुसपैठियों के मुद्दे भी सूत्रों के अनुसार- बैठक में ट्रंप टैरिफ से उपजी भारत सहित वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों, सीमाओं की वर्तमान स्थिति, संघ परिवार के महत्वाकांक्षी स्वावलंबन अभियान, विभिन्न राज्यों में तेजी से बदल रही धार्मिक जनसांख्यिकी, कुटुंब प्रबोधन की आवश्यकता, शताब्दी वर्ष के लिए समाज परिवर्तन के लिए तय पंच परिवर्तन व संघ शताब्दी वर्ष लक्ष्यों समेत अन्य विषयों पर विमर्श हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार- ‘अवैध प्रवास’ का मुद्दा भी प्रमुखता से उठने की उम्मीद है। संघ लंबे समय से असम, बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में बढ़ रही अवैध प्रवासियों की संख्या से चिंतित है।
सुरक्षा व्यवस्था और प्रवास स्थल संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत के दौरे को देखते हुए जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट में अतिरिक्त चौकसी बरती जा रही है। पुलिस कमिश्नर ओमप्रकाश ने सुरक्षा व्यवस्था के तहत सोमवार सुबह 5 बजे से आगामी आदेश तक ड्रोन की उड़ान पर पाबंदी लगाने का आदेश जारी किया है। जोधपुर में लाल सागर स्थित आदर्श विद्या मंदिर में संघ प्रमुख का प्रवास होगा, जो संघ के कार्यकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल रहा है।
राजनीतिक और सामाजिक महत्व यह प्रवास राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने इस वर्ष 15 अगस्त को आरएसएस की जिस तरह से सराहना की है, वैसा अभी तक कभी नहीं हुआ था। साथ ही उप-राष्ट्रपति पद के लिए आरएसएस से जुड़े सी.पी. राधाकृष्णन का चुनाव भी इस संदर्भ में महत्वपूर्ण है।







