जयपुर में रविवार को रिंग रोड पर बना 20 फीट लंबा अंडरपास दो परिवारों के लिए काल बन गया। इस हादसे में दो महिलाओं और दो बच्चों समेत सात लोगों की जान चली गई। अंडरपास में भरे पानी में गिरने से कार में सवार लोगों की डूबने से मौत हो गई।
रविवार की सुबह, अंडरपास में पानी के भीतर एक कार उल्टी पड़ी हुई दिखाई दी। लगभग तीन घंटे बाद, क्षतिग्रस्त कार में शव देखे गए। शिवदासपुरा थाना पुलिस ने क्रेन की सहायता से शवों से भरी कार को पानी से बाहर निकाला।
पुलिस ने महात्मा गांधी अस्पताल की मॉर्च्युरी में पोस्टमॉर्टम करवाकर सभी सात शवों को परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने फोरेंसिक टीम (FSL) की मदद से घटनास्थल से सबूत जुटाए हैं और हादसे के कारणों की जांच कर रही है।
सबसे पहले जानिए, हादसा कैसे हुआ…

SHO (शिवदासपुरा) सुरेन्द्र सैनी ने बताया- हादसे में भीलवाड़ा के केकड़ी फुलिया कलां निवासी अशोक वैष्णव उर्फ कालूराम (47), उनकी पत्नी सीमा देवी (45), बेटे रोहित (23) और पोते गजराज (6) और रिश्तेदार रामराज वैष्णव (38), पत्नी मधु (36) और बेटे रुद्र (14 महीने) निवासी आरके सिटी-4 वाटिका सांगानेर की मौत हो गई।
मृतक अशोक वैष्णव उर्फ कालूराम का खेती-बाड़ी का काम था। इसके साथ ही धानेश्वर तीर्थ स्थल पर स्थित रावणा राजपूत समाज के मंदिर में पुजारी थे। उनका संबंधी रामराज खुद की टैक्सी कार चलाता था।


अस्थि विसर्जन के लिए थे निकले मृतक रामराज के भाई धर्मराज ने बताया- भीलवाड़ा के केकड़ी निवासी गोपालदास की गुरुवार को डेथ हो गई थी। रामराज का रिश्ते में गोपालदास दादा ससुर लगते थे। बढ़े माता-पिता और चार बेटियों को घर पर छोड़कर टैक्सी कार से रामराज अपनी पत्नी मधु और बेटे रुद्र को लेकर दादा ससुर के दाहसंस्कार में गया था।
खुद की टोयोटा इटिओज टैक्सी कार चलाने के कारण रामराज को रिश्तेदारों ने हरिद्वार चलने का कहा। तीए की बैठक के बाद शुक्रवार शाम करीब 6:30 बजे रामराज, अपनी पत्नी-बेटे और कालूराम, उनकी पत्नी-बेटे और पोते को लेकर अस्थि विसर्जन के लिए खुद की टैक्सी कार से रवाना हो गए।

2 घंटे रुक वापस हुए रवाना धर्मराज ने बताया- शनिवार शाम को अस्थि विसर्जन के लिए करीब 2 घंटे हरिद्वार में रुके थे। अस्थि विसर्जन के बाद कार में बैठकर हरिद्वार से भीलवाड़ा के लिए रवाना हो गए। घर लौटते समय रास्ते में सफर के दौरान रिश्तेदारों की रामराज व कालूराम से मोबाइल कॉल के जरिए कई बार बात भी हुई। रात करीब 11 बजे रामराज से बात होने के दौरान उसने खुद को दिल्ली होना बताया था। कार चलाने की बताकर घर आकर बात करने की कहकर कॉल काट दिया था।
वापस लौटते समय हुआ हादसा धर्मराज ने बताया- भीलवाड़ा के केकड़ी से हरिद्वार और हरिद्वार से जयपुर तक करीब 1200 KM का सफर पिछले दो दिन (शुक्रवार-शनिवार) में तय कर चुके थे। जयपुर के शिवदासपुरा में रिंग रोड पर प्रहलादपुरा के पास अंडरपास के लिए बनी 20 फीट लंबी पासिंग उनका काल बन गया।
घर वापसी के दौरान बेकाबू कार पासिंग पर बने डिवाइडर से चढ़कर 16 फीट गहरे अंडरपास में जा गिरी। डिवाइडर पर चढ़कर साइड दीवार से टकराने से कार अंडरपास में कार उलटी जा गिरी।
नहीं निकल पाए बाहर, घुट गया दम धर्मराज ने बताया- अंडरपास में बारिश के चलते करीब 3 फीट पानी भरा हुआ था। ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण लोगों की अंडरपास से बहुत ही कम आवाजाही होती है। करीब 16 फीट ऊंचाई से कार उल्टी अंडरपास में भरे पानी में गिरी। कार के गिरने से उसमें सवार सातों जने बुरी तरह से चोटिल हो गए।
पानी में कार के उल्टे गिरे होने के कारण वह बाहर नहीं निकल पाए। अधमरी हालत में होने के दौरान अंडरपास में भरे पानी से उनका दम घुट गया। सांसें रुकने के कारण कार में फंसे सातों जनों की मौत हो गई।

क्षतिग्रस्त कार पड़ी मिली, 3 घंटे बाद दिखी लाशें स्थानीय लोगों का कहना है- रविवार सुबह करीब 9:30 बजे अंडरपास में भरे पानी में एक कार उल्टी पड़ी दिखाई दी। अंडरपास में क्षतिग्रस्त कार पड़े होने की सूचना पुलिस को भी दी गई थी।उसके बाद दोपहर करीब 12:30 बजे ग्रामीण व्यक्ति कार को पास से देखने के लिए पानी में उतर गया। पानी में जाकर पास पहुंचने पर कार में उसको लाशें पड़ी दिखाई दी। दौड़ते हुए बाहर निकल शोर मचाने पर राहगीर व स्थानीय लोग इकट्ठा हुए। पुलिस कंट्रोल रूम की सूचना पर शिवदासपुरा थाना पुलिस कुछ ही देर में वहां आ गई।
लाशों की कार को क्रेन से बाहर निकाला पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कार में सवार लोगों की जांच की। सभी के मृत होने का पता चलने पर स्थानीय लोगों की मदद से कार से बाहर निकालने का प्रयास किया। कार में शवों के फंसे होने के कारण बाहर नहीं निकाला जा सका। पुलिस ने मौके पर क्रेन बुलवाकर अंडरपास के भरे पानी में पड़ी कार को सीधा करवाया।
लाशों से भरी कार को क्रेन की मदद से खींचकर पानी से बाहर निकलवाया गया। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद क्षतिग्रस्त कार से सभी शव बाहर निकाले गए। पुलिस ने FSL टीम को बुलाकर सातों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए महात्मा गांधी हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी भिजवाया।
घर लौटने का कर रहे थे इंतजार मृतक रामराज के भाई हनुमान ने बताया- शनिवार देर रात से ही सभी के मोबाइल फोन बंद आ रहे थे। हादसे की सूचना नहीं मिलने तक सभी वापस घर लौटने को लेकर उनका इंतजार कर रहे थे। फोन नहीं लगने के चलते यह भी मान रहे थे कि वे सीधे पुष्कर चले गए होंगे। रविवार दोपहर पुलिस ने कॉल कर महात्मा गांधी हॉस्पिटल बुलाया। मॉर्च्युरी में परिवार के लोगों की लाशों की पहचान करने पर हादसे का पता चला।
नींद की झपकी, स्पीड में थी कार पुलिस प्रथमदृष्टया जांच में सामने आया है कि हादसे के समय कार स्पीड में थी। ड्राइवर रामराज को नींद की झपकी आने से कार बेकाबू होकर डिवाइडर की तरफ चली गई। डिवाइडर के बीच बने पासिंग से टकराकर अंडरपास में जा गिरी। रिंग रोड पर रात का समय होने के कारण इस बारे में पता नहीं चल सका।







