राजसमंद झील में पानी का गेज आज 28.80 फीट पहुंच गया है। अब राजसमंद झील के लबालब होने के लिए 1 फीट से अधिक पानी और चाहिए।
झील का गेज अब धीरे धीरे 30 फीट की ओर बढ रहा है। झील में 24 घंटों के दौरान 2 इंच पानी की आवक के हिसाब अब उम्मीद है कि 30 फीट के गेज को पार करने के लिए 6 से 7 दिन का समय ओर लगेगा।
झील के छलकने की उम्मीद
बारिश का दौर भले ही थम गया हो लेकिन खारी फीडर और गोमती नदी से पानी की आवक होने के कारण अब शहरवासियों को पूरी उम्मीद है कि इस बार झील छलकेगी। इससे पूर्व 2023 ओर 2017 में झील छलकी थी।
1994 से 2006 तक सूखी रही
शहरवासियों ने पहली बार देखा झील का पैंदा – 1994 से 2006 तक 12 साल झील में पानी की आवक नहीं होने से झील पूरी तरह से सूख चुकी थी। इस दौरान शहर के बुजुर्गों ने पहली बार झील का पैंदा देखा था। इसके बाद 2006 में झील में गोमती नदी से पानी की आवक होने लगी। इसके बाद 44 साल के लंबे अंतराल के बाद झील छलकी।
जो शहर नही पूरे जिले के लिए खुशी की बात थी। राजसमंद झील का पेयजल ही नही बल्कि आसपास के दर्जनों गांवों के किसानों के लिए सिंचाई के लिए भी काम आता है। इसके अलावा सफेद संगमरमर से झील पर दो बड़ी पाल का निर्माण जिसमें नो चोकी पाल ओर द्वारिकाधीश मंदिर का घाट। नो चोकी पाल अदभुत ओर अद्वितीय जो दूर से ही पर्यटकों को आकर्षित करती है। राजसमंद झील जिले की लाइफ लाइन मानी जाती है।







