साइबर क्रिमिनल्स मैलवेयर-फिशिंग हमले कर साइबर फ्रॉड कर रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिए लिंक भेजकर पर्सनल-बैंकिंग इंफॉर्मेशन चुरा रहे हैं। साइबर क्राइम ब्रांच ने साइबर हमलों से बचने के लिए ई-स्कैन बोट रिमूवल ऐप यूज करना बताया है।
एसपी (साइबर क्राइम) शांतनु कुमार सिंह ने बताया- मैलवेयर हैकिंग और साइबर फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। साइबर हमलों से बचाव के लिए लोगों का जागरूक होना जरुरी है। साइबर क्रिमिनल्स फेक वेबसाइट, मैलवेयर और फिशिंग हमलों का यूज करके लोगों को निशाना बना रहे हैं। ये हमले स्मार्टफोन, लेपटॉप, बैंकिंग ऐप्स या सोशल मीडिया के जरिए लिंक भेजकर किए जाते हैं।
एक बार जब यूजर इन लिंक पर क्लिक करता है तो मैलवेयर उसके डिवाइस में एंटर हो जाता है। इसके जरिए साइबर क्रिमिनल्स पर्सनल इंफॉर्मेशन और बैंकिंग इंफॉर्मेशन चोरी कर लेते हैं। मैलवेयर एक निष्क्रिय सॉफ्टवेयर होता है। साइबर क्रिमिनल्स आमतौर पर इंटरनेट के जरिए इसे डिवाइस में भेजते हैं। मैलवेयर के जरिए डिवाइस को हैक किया जाता है। जो सिस्टम को बंद करने या जानकारी चुराने के इरादे से सक्रिय रूप से काम करता है।
ई-स्कैन बोट रिमूवल ऐप का यूज
एडवाइजरी में ऐसे हमलों से बचने के लिए एक सरल और प्रभावी तरीका सुझाया गया है। ई-स्कैन बोट रिमूवल ऐप का यूज करके अपनी डिवाइस को स्कैन करना। अपने मोबाइल या कंप्यूटर में ई-स्कैन बोट रिमूवल ऐप खोलें। मैन स्क्रीन पर ‘स्कैन’ का ऑपशन पर क्लिक करें। फुल स्कैन ऑप्शन पर टैप करें। स्कैन पूरा होने पर ऐप एक रिपोर्ट दिखाएगा। इसमें पाए गए बॉट्स, मैलवेयर या संदिग्ध फाइलों की जानकारी होगी। रिपोर्ट के आधार पर आप Remove या Delete बटन दबाकर इन हानिकारक फाइलों को हटा सकते हैं। इस प्रक्रिया को नियमित रूप से दोहराने से आपका डिवाइस सुरक्षित रहेगा।
करवा सकते है रिपोर्ट दर्ज साइबर फ्रॉड का शिकार होने पर तुरंत निकटतम पुलिस स्टेशन, साइबर पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट दर्ज कर सकते हैं। इसके अलावा साइबर हेल्पलाइन नंबर-1930 या साइबर हेल्प डेस्क नंबर 9256001930 या 9257510100 पर भी कॉन्टैक्ट कर सकते हैं।







