जोधपुर के गोयल हॉस्पिटल पर RGHS योजना में इलाज के बाद रिपोर्ट के लिए एक मरीज के परिजन ने राशि मांगने का आरोप लगाया। साथ ही परिजन ने मामले में अस्पताल प्रशासन से मोबाइल पर की बातचीत का एक ऑडियो भी जिला कलेक्टर और सीएमएचओ को दिया है।
मरीज के परिजन ने आरोप लगाया कि बायोप्सी रिपोर्ट लेने के लिए रुपए मांगे गए। इसे लेकर पीड़ित ने जिला कलेक्टर और चिकित्सा विभाग को शिकायत दी है।
आरोप है कि नकद रुपए नहीं देने पर अस्पताल प्रशासन ने मरीज को बायोप्सी रिपोर्ट नहीं दी। इसके अलावा राशि की रसीद देने से भी मना कर दिया।
लोकेंद्र सिंह ने बताया कि वह चौपासनी हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में रहते हैं। उनकी दादी मोती कंवर की उम्र 71 वर्ष है, जो RGHS कार्ड में रजिस्टर्ड हैं। उनका ऑपरेशन जोधपुर के गोयल हॉस्पिटल में हुआ।
15 दिन बाद रिपोर्ट के लिए कहा, लेने गए तो मांगे नकद रुपए लोकेंद्र सिंह ने कहा कि दादी मोती कंवर के ऑपरेशन के दौरान बायोप्सी के लिए तीन सैंपल लिए गए थे। अस्पताल प्रशासन ने बायोप्सी सैंपल 8 अगस्त को लिए। 15 दिन बाद रिपोर्ट के लिए कहा, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने रिपोर्ट देने के लिए उनसे 3500 रुपए नकद देने को कहा। जब उनसे ऑनलाइन भुगतान की बात की तो उन्होंने मना कर दिया। जब नकद रुपए देने की रसीद मांगी तो उन्होंने यह देने से इनकार कर दिया। साथ ही पैसे नहीं देने पर बायोप्सी रिपोर्ट भी रोक दी।
RGHS में रुपए मांगना गलत पीड़ित लोकेंद्र सिंह ने बताया कि यह व्यवहार RGHS योजना की शर्तों और चिकित्सा सेवा के नैतिक मूल्यों के विपरीत है। मरीज से नकद रुपए मांगना, रिपोर्ट रोकना अनुचित और गैरकानूनी है। इसे लेकर उसने 3 मिनट और 8 सेकंड का एक वॉइस रिकॉर्डिंग प्रमाण बनाया है। इसे जिला कलेक्टर और सीएमएचओ को दिया है। इसमें RGHS योजना के अंतर्गत मरीजों से अवैध वसूली रोकने की मांग भी की गई है।







