भरतपुर नगर निगम में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए करीब 10 करोड़ की जमीन को अपने कब्जे में लिया। निगम ने 1963 में यह जमीन जमीन किराए पर दी थी, लेकिन आवंटनधारी 30 साल से किराया नहीं दे रहा था और जमीन पर कब्जा भी नहीं दे रहा था। इधर बुधवार को नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची और जमीन पर हो रहे निर्माण को तोड़ा।
10 करोड़ की जमीन निगम ने कब्जे में ली नगर निगम आयुक्त श्रवण कुमार विश्नोई ने बताया कि यह जमीन निगम ने किराये पर दी थी। किराएदार न तो, जमीन को उपयोग कर रहा था और न ही किराया जमा करवा रहा था। बुधवार को निगम ने जमीन को अपने कब्जे में लिया है। जमीन की कीमत करीब 10 करोड़ है। यह शहर के बीच में बेशकीमती जमीन है। 8 सौ गज जमीन पर अतिक्रमणकारी ने कब्जा किया हुआ था।

1963 में किराए दी थी जमीन दरअसल 1963 में नगर निगम से छत्तरभान ने कुम्हेर गेट पर 800 गज जमीन किराये पर ली थी। जिसका किराया 314 रुपये था। छत्तरभान 30 साल से किराया नहीं दे रहा था। पिछले महीने नगर निगम ने छत्तरभान को नोटिस जारी किया था। उसके बाद छत्तरभान ने जमीन को खाली नहीं किया। छत्तरभान जमीन का उपयोग भी नहीं कर रहा था।







